बसना है तो बस यहीं
दिल की ऊँची थांव
आगे क्या मिलना सखा
काले कौसों गाँव .
घर से निकलो प्रेम से
मन से निकलो नाही
गए धार में जो दिना
को जाने कित माहीं .
प्रेम नहीं तो कुछ नहीं
बने प्रेम से गेह .
बाज़ कबूतर उड़ रहे
महलों से जो स्नेह .
दिल की ऊँची थांव
आगे क्या मिलना सखा
काले कौसों गाँव .
घर से निकलो प्रेम से
मन से निकलो नाही
गए धार में जो दिना
को जाने कित माहीं .
प्रेम नहीं तो कुछ नहीं
बने प्रेम से गेह .
बाज़ कबूतर उड़ रहे
महलों से जो स्नेह .
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