लो आ रही थी जिनकी याद वो भी आ गए .
अल्लाह मेहरबान है कुछ हमपे आजकल .
बदनाम हूँ तो क्या - जरा मशहूर तो हुआ
पैमाने भरे देख कुछ - सुरूर तो हुआ .
कल तक मेरा दोस्त संगी यार सभी था
बैठा था पास - देखकर वो दूर तो हुआ .
कसूरवार हूँ मगर कोई खता नहीं - अब
किसके साथ क्या हुआ मुझको पता नहीं
मैं ढूँढता रहा जिसे पर जाने वो कहाँ है
सब कह रहें है वो वहीँ दिल तेरा जहाँ है
सब ढूँढ़ते मिले - जाने क्या खो गया .
चाहा तो हुआ नहीं - अनचाहा हो गया .
अंजाम की चिंता में डरे लोग तो मिले
अंजाम बदल दें हमें उसकी तलाश है .
सूरत नहीं सीरत नहीं - है कुछ नहीं खुदा
मैं पशोपश में हूँ - तुझे अब पेश क्या करू .
बातें अजीब हैं मेरी - समझेंगे नहीं लोग
खुदको समझ सका नहीं - वो आदमी हूँ मैं .
दिल नहीं चाहता
खो जाऊं तो -
ढूंढे कोई मुझे .
बड़ी मुश्किल से -
खुदको भूलकर -
उसका हुआ हूँ मैं .
गाफिल नहीं - सोया नहीं
पाया नहीं खोया नहीं .
ढूंढो जरा यारो - मुझे
मैं ना जाने कहाँ हूँ .
झूनझुनों से खेलता देश
ये आयातित सोच -
नए जमाने के तरीके -
तौर भी है - हाकिम से पूछो
जो दे सके जवाब तो -
सवाल और भी हैं .
ग़ज़ल हूँ - तो
अल्लाह मेहरबान है कुछ हमपे आजकल .
बदनाम हूँ तो क्या - जरा मशहूर तो हुआ
पैमाने भरे देख कुछ - सुरूर तो हुआ .
कल तक मेरा दोस्त संगी यार सभी था
बैठा था पास - देखकर वो दूर तो हुआ .
कसूरवार हूँ मगर कोई खता नहीं - अब
किसके साथ क्या हुआ मुझको पता नहीं
मैं ढूँढता रहा जिसे पर जाने वो कहाँ है
सब कह रहें है वो वहीँ दिल तेरा जहाँ है
सब ढूँढ़ते मिले - जाने क्या खो गया .
चाहा तो हुआ नहीं - अनचाहा हो गया .
अंजाम की चिंता में डरे लोग तो मिले
अंजाम बदल दें हमें उसकी तलाश है .
सूरत नहीं सीरत नहीं - है कुछ नहीं खुदा
मैं पशोपश में हूँ - तुझे अब पेश क्या करू .
बातें अजीब हैं मेरी - समझेंगे नहीं लोग
खुदको समझ सका नहीं - वो आदमी हूँ मैं .
दिल नहीं चाहता
खो जाऊं तो -
ढूंढे कोई मुझे .
बड़ी मुश्किल से -
खुदको भूलकर -
उसका हुआ हूँ मैं .
गाफिल नहीं - सोया नहीं
पाया नहीं खोया नहीं .
ढूंढो जरा यारो - मुझे
मैं ना जाने कहाँ हूँ .
झूनझुनों से खेलता देश
ये आयातित सोच -
नए जमाने के तरीके -
तौर भी है - हाकिम से पूछो
जो दे सके जवाब तो -
सवाल और भी हैं .
ग़ज़ल हूँ - तो
गुनगुना लो .
सभी अंधे तो राजा काना क्या
फिर यार नाती क्या नाना क्या
मोदी का हव्वुआ दिखाना क्या
कांग्रेस का रहना क्या जाना क्या .
सपनों के आभासी सच
प्यार का तकिया हूँ
सिरहाना लगा लो .
बात ज्यादा ना बढ़ जाए
यार - पहले तुम
अपने दिल को संभालो .
ना किसी का मैं - कोई अपना ही सही
घर ना सही घर का सपना ही सही .
घर ना सही घर का सपना ही सही .
गरीब की मजबूरी
या मजदूरी
खा गया - वो
लम्बी कार
ऊँचे महलों वाला .
या मजदूरी
खा गया - वो
लम्बी कार
ऊँचे महलों वाला .
घृणा के गरजते
हुए बादल - उसकी
नजर में फैले थे -
क्या हुआ -
दिल खरा साफ़ था
कपडे ही जरा मैले थे .
हुए बादल - उसकी
नजर में फैले थे -
क्या हुआ -
दिल खरा साफ़ था
कपडे ही जरा मैले थे .
कल पकड़ते पकड़ते
मेरे हाथों से -
मेरे हाथों से -
आज गया
मेरा कल भी गया .
मेरा कल भी गया .
उड़ गए पंख लगाकर वो
जाने किधर जाने कहाँ
ढूँढता फिरता हूँ मैं आज भी
गुजरे मेरे दिन बचपन के .
कोई ज्यादा नहीं तो कम भी नहीं
जा जिन्दगी तुझमे कोई दम भी नहीं .
जो ऐसी बात है तो - मिला फिर हाथ
आज या तू नहीं - या फिर हम भी नहीं .
जा जिन्दगी तुझमे कोई दम भी नहीं .
जो ऐसी बात है तो - मिला फिर हाथ
आज या तू नहीं - या फिर हम भी नहीं .
ठिठुरती रात या
जले दिनों का हिसाब माँगू
ऐ जिन्दगी तू ही बता
तुझसे मैं क्या -
चीज लाज़वाब माँगूं
जले दिनों का हिसाब माँगू
ऐ जिन्दगी तू ही बता
तुझसे मैं क्या -
चीज लाज़वाब माँगूं
उसने कहा वो ख्वाब है
मिलेगी ना कभी भी .
दिन तो गया - अब रात का
बस इंतज़ार है
मिलेगी ना कभी भी .
दिन तो गया - अब रात का
बस इंतज़ार है
सुखों के साथ दुःख
और फूल संग कांटे
पैकेज है बाबू - एक
के साथ एक फ्री है .
और फूल संग कांटे
पैकेज है बाबू - एक
के साथ एक फ्री है .
दामन में मेरे आज भी हैं
फूल बेहिसाब .
काँटों से बच सको - तो
नजर करदूं मैं जनाब .
फूल बेहिसाब .
काँटों से बच सको - तो
नजर करदूं मैं जनाब .
हम मर गए उन्हें संभालते हुए
वे थक गए दिल से निकालते हुए .
वे थक गए दिल से निकालते हुए .
तुम्हारे कुछ नहीं लगते
बता देते तो अच्छा था .
सिमट कर क्या मिला यारो
बिखर जाते तो अच्छा था .
बता देते तो अच्छा था .
सिमट कर क्या मिला यारो
बिखर जाते तो अच्छा था .
आज भी खाली है मन का वो
अनछुआ कौना - दिल कहता है
चुपके से उसे - मेरे ना सही
पर किसी और की भी मत होना .
अनछुआ कौना - दिल कहता है
चुपके से उसे - मेरे ना सही
पर किसी और की भी मत होना .
शब्द कभी भी बंजर नहीं होते -बस
जमीं ही बंजर निकल आती है कभी .
जमीं ही बंजर निकल आती है कभी .
गावं अभी बसा नहीं
चौधरी पहले तैयार
अडवानी नहीं मोदी यार .
बीज बोया है -
जरा उगने दो कपास
फिर कर लेना
जुलाहे से लठ्ठम लठ्ठा .
चौधरी पहले तैयार
अडवानी नहीं मोदी यार .
बीज बोया है -
जरा उगने दो कपास
फिर कर लेना
जुलाहे से लठ्ठम लठ्ठा .
एक गांधारी थी और
उसका भॊन्दु राजकुमार
एक मोदी है - जिसके
चाहने वाले करोड़ों यार .
बात टक्कर की नहीं
फिर भी हुई तकरार .
होगा अंजाम क्या -
खुदा जाने यार .
उसका भॊन्दु राजकुमार
एक मोदी है - जिसके
चाहने वाले करोड़ों यार .
बात टक्कर की नहीं
फिर भी हुई तकरार .
होगा अंजाम क्या -
खुदा जाने यार .
अपने जैसा जो कहीं मिल जाए
बात हों दिल की कलि खिल जाए .
कमल दिल का कभी खिला ही नहीं
मिले तो लोग ऐसा कोई मिला ही नहीं .
बात हों दिल की कलि खिल जाए .
कमल दिल का कभी खिला ही नहीं
मिले तो लोग ऐसा कोई मिला ही नहीं .
वो एक अनजान सी कहानी है
दोस्तों वही तो तुम्हें सुनानी है .
गूंगा राजा है - और अंधी रानी है
नयी नहीं है - ये दासता पुरानी है .
दोस्तों वही तो तुम्हें सुनानी है .
गूंगा राजा है - और अंधी रानी है
नयी नहीं है - ये दासता पुरानी है .
सभी अंधे तो राजा काना क्या
फिर यार नाती क्या नाना क्या
मोदी का हव्वुआ दिखाना क्या
कांग्रेस का रहना क्या जाना क्या .
सपनों के आभासी सच
और प्रेम के - सरोकार
आभास थे पर जाने क्यों
मुझे सच लगे हर बार .
बहूत कौशिश की पर
लिखी नहीं जाती
पतझरों के मौसम में
बहार पर लिखूं कैसे .
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