Popular Posts

Thursday, May 31, 2018

खोटे सिक्के चलते देखे

घोड़े यार फिसलते देखे
डंकी सरपट चलते देखे
जेठ दुपहरी तपती देखी
हिमगिरी हमने जलते देखे

अंधों की फूटी आँखों में
कानें हमने खलते देखे
सुवर के रेवड़ में यारो
सौ सौ बच्चे पलते देखे

आधी रात खुले क़ाज़ीघर
और मुकदमे टलते देखे
नेताजी की वाट लगी है
नोट हजारी जलते देखे

तड़ीपार के ठप्पे वाले
सब बटमार मचलते देखे
खरी चव्वनी फेल हो गयी
खोटे सिक्के चलते देखे

Thursday, August 10, 2017

झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये

सूने गुलशन को इस तरह सजाया जाए
महक नही तो थोड़ा इत्र मिलाया जाए .
टिकाऊ न सही कुछ देर तो जले यारो
झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये .
दुआएं देंगी किसी की बुझती आंखें
सोचता हूँ जरा सा पुण्य कमाया जाए .
किसीकी डूबती हसरत कुछतो पूरी हों
खुदाकी नेमतों का कुछ कर्ज़ उतारा जाए .
एक रिश्ता नायाब दिलसे बनाया जाए
न हो घरमें तो बाज़ार से लाया जाए .