प्यार कम या ज्यादा
पूरा या आधा - नहीं होता .
पग इत्मीनान से धरिये
कोई मर मिटे आप पर -
इससे पहले उसपर मरिये.
नहीं होते कोई - क़ानून कायदे
नहीं देखे जाते - नुक्सान या फायदे .
करना है तो डरना नहीं - जो डरो
तो इश्क फिर करना नहीं .
आत्मा की हद कहाँ तक -
फिर कैसे जिस्म तक -
उतर आता है प्यार .
सच में इसकी कोई निश्चित
परिभाषा ही नहीं बनी यार .
आँखों आँखों में - बातों बातों में
मेल मुलाकातों में - या फिर चुपके से
अचानक - कोई सामने आ गया .
कब मन मिल गया - नजर मिली
और जनाब दिल गया .
पूरा या आधा - नहीं होता .
पग इत्मीनान से धरिये
कोई मर मिटे आप पर -
इससे पहले उसपर मरिये.
नहीं होते कोई - क़ानून कायदे
नहीं देखे जाते - नुक्सान या फायदे .
करना है तो डरना नहीं - जो डरो
तो इश्क फिर करना नहीं .
आत्मा की हद कहाँ तक -
फिर कैसे जिस्म तक -
उतर आता है प्यार .
सच में इसकी कोई निश्चित
परिभाषा ही नहीं बनी यार .
आँखों आँखों में - बातों बातों में
मेल मुलाकातों में - या फिर चुपके से
अचानक - कोई सामने आ गया .
कब मन मिल गया - नजर मिली
और जनाब दिल गया .
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