कितने बेबस - लाचार से
हो जाते हैं हम - कोई ढूँढता नहीं
जब खो जाते हैं हम .
ये देश घर - हमवतन
बेमानी हो जाते हैं - जब
हमारे होने के मायने -
सचमुच खो जाते हैं .
पूछता नही जब कोई -
लाचार नारद से हो जाते हैं
नारायण-लीला में उलझे
जाने किस रूपसी की -
याद में खो जाते हैं .
याद में खो जाते हैं .