Popular Posts

Wednesday, August 21, 2013

फिर किसी गीदड़ का राज्याभिषेक होगा .













तिकड़मे सारी लगाईं जायेगी फिर 

तीर और तलवार से मारेंगे तोरण -

भाड में जाए आबरू वतन की 

चिन्दियाँ फिर से उड़ें नैतिक पतन की .



फ़तेह ऐसे ही दिलाई जायेगी फिर .

सिंह को बनवास का - तोहफा मिलेगा 

नए दौर का श्रीगणेश होगा - देखना 

फिर किसी गीदड़ का राज्याभिषेक होगा .



यही सच है ना कोई - किस्सा कहानी 

बात जंगल की नहीं - मेरे चमन की 

जाग जा तू नींद से है ये जुबानी 

देश दुनिया की नहीं मेरे वतन की .

बंध गए थे - बिना बांधे .

बंध गए थे - 
बिना बांधे .
बात कुछ भी थी - 
नहीं बस .
ओढ रखे थे - 
सभी बंधन - वो 
हमने तोड़ डाले .
जिस्म अपना - 
और दिल किस
किसके हवाले .

रास्ता बदलो जरा सा .

बंध और उपबंध से रोका -
महा विस्फोट होगा .
हे मनुज मन में तेरे 
कुछ खोट होगा . 
द्रुत गति को रोकना -
मुश्किल बड़ा सा .
सींच देंगी ये नदी -
सुखी धरा को . 
काम ये सच्चा खरा सा 
रास्ता बदलो जरा सा .

वो दिलके पास भी हैं

वो दिलके पास भी हैं 
और हमसे दूर भी हैं . 
हुस्न वाले हैं - 
जरा मगरूर भी हैं .
दिलों की चाहते - 
दोनों तरफ हैं .
कड़े पहरे में वो -
और जरा मजबूर भी हैं .

कैसे कैसे घोंचू झेलूं

कैसे कैसे घोंचू झेलूं 
सोच रहा है लालकिला .
इसीलिए तो लाल हो रहा 
देखो यारो लाल किला .

इतना खलता -
बस नहीं चलता -
देखो जिगर लुहान हुआ 
जितना आज विवश है -
कल तक कभी ना 
हिन्दुतान हुआ .

क्षणिकाएँ

कई जो मर्तबा टूटा - उस 
दिल का मोल क्या बाकी 
किसी को दे भी दें लेकिन 
किसी का हो नहीं सकता  .

किराए बढ़ गए दिलके 
ना दे पाओ तो जाने दो . 
ना रुक पाओ चले जाओ 
नया किरायेदार आने दो .

जो गिर कर चूर हो जाए 
वो पत्थर हो नहीं सकता .
जो बंट जाए हजारों में 
मेरा दिल हो नहीं सकता .

फरेबों से भरी दुनिया 
सभी दिखते पराये हैं .
तेरा अपना कहलाने को 
यार अब दिल नहीं करता .

चले हैं - ढूँढने खुद को 
जहाँ में खो गए हम हैं . 
जो खुद को पा लिया होता 
खुदा को पा लिया होता .

ना कोई है - ना कोई था 
ना कोई भी कभी होगा .
तेरे सिवा भी - कोई है 
यार क्या बात करते हो .

हंसी की बात करते हो 
और हंसने भी नहीं देते 
अबे तुम कांग्रेसी हो क्या .

कठिन थे रास्ते दिलके 
न चलते हम तो क्या करते . 
शहर में था कहाँ अपना -
जो उसके घर चले जाते .

उलझने ऐसी - 
की दिल हैरान 
परेशांन भी हैं .
रूठना आता नहीं
यूँ मन भी जाते - 
पर किसी का - 
ध्यान भी है .


ना रुक पाओ 
चले जाओ . 
हृदय के द्वार खूल्लें हैं -
ना माने दिल  
चले आओ .

जो किसी ने - दी हमे आवाज़ 
रुक जाना पड़ेगा . 
आ गया जो लौटकर वो पास 
तो बसजाना पड़ेगा .

नटों और बोल्ट से - 
अपना वजूद कस रहा हूँ मैं .
उजड़ना चाहते हैं लोग - 
बस रहा हूँ मैं .

जिन्हें बसने की चाहत थी 
उन्ही को घर नहीं मिला 
था जिनके पाँव में चक्कर - 
उन्हें सफ़र नहीं मिला .

दिल को समझाने का 
इक हुनर तो है .
कटे जो हाथ तो - क्या 
अभी सर तो है .

दुखों की आग लगी -
बुझाई न गयी .
सेंकडों दर्द सीने में - 
दिलकी तन्हाई ना गयी। 

जिसे भी देखा - रंजों 
ग़मों से तर देखा . 
किसी की आँख में आँसू 
किसी के समन्दर देखा .

तुम्हारे सामने हम हैं 
उधर तुम देखते क्या हो
इधर है प्रेम का सागर 
उधर कुछ भी नहीं यारा .

जरा रूक जाओ पल भर को 
मेरे दिल को सँभलने दो .
अभी तो रात बाकी है - 
जरा दिन तो निकलने दो .

हुई जो तेज़ बारिश - 
पाँव फिसले ना जम पाए .
बड़ी सुनी रही महफ़िल 
ना तुम आये ना हम आये . 

मुफ्त में बेचने चला था 
मेरी तन्हाइयों का -
खरीदार न मिला कोई .

गुम हैं किसी के ख़्वाबों में दिल 
या ईलाही अब ना जगाये कोई .

खुबसूरत हो मेरे ख़्वाबों की तरह 
हकीकत यूँ  कब हसींन होती है 

खबर जो होती तो - 
हम भी देख लेते यार .
बहारों के बाद - पतझर 
कैसे चुपके से चले आते हैं .

हम तो वो हैं जिधर -
कब से उधर देखते हैं . 
किधर है ध्यान उनका - 
जाने किधर देखते हैं .

भूल जाना - चला गया कोई 
चला गया तो याद आऊंगा -
याद करना - चला गया कोई .

महुब्बत गर जिन्दगी है तो मौत क्या है .
गर ये बेखौफ है तो - वो भी बेपरवाह है .
समझ में कुछ नहीं आता - माजरा क्या है . 
मरने जीने का भी ये अजीब सिलसिला है .

इश्क पैगामे महुब्बत है खुदा 
गर यकीं है तो यही सच होगा .

मैल कपड़ों की भी बुरी होती है 
दिलको कब किसने धोकर देखा .



Tuesday, August 20, 2013

" चिरायु हो -


" चिरायु हो -
वक्त के सामने
डंट जाओ - हर
विपरीत परिस्थितयों में
सदा मुस्कुराओ -
खुलकर कहकहे लगाओ .
ज़माना रश्क करें - तुमसे
ऐसे बन जाओ "

जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
वा शुभाशीष .....!!!


Sunday, August 11, 2013

चीनी राखी बांधते

चीनी राखी बांधते 
सत्ताधारी संत .
पाकिस्तानी तेज़ हैं 
हिंदुस्तानी टन्ट .

हिंदुस्तानी टन्ट *
देख ईश्वर की माया 
उसने पेटन टैंक -
लो हमने ताज़ बनाया . 

एक राज की बात है
करो बंधुवर नोट .
हिंदुस्तानी माल में
शतप्रतिशत है खोट .

शतप्रतिशत है खोट
नहीं कोई गारंटी .
चीनी बिकता रोज -
चले जाओ तुम मंडी .

बना बनाकर भेजते
ले लो प्यारे ऐश
ना काहू की फेक्ट्री
ना वर्कर का क्लेश .

लूट सके तो लूट ले
करले हूँडी कैश
इतनी सस्ती ना मिले
तुम्हे कहीं भी ऐश .

सौ रूपये का माल ले
दो रूपये के भाव .
ऐसा सौदा ना पटे
हिदुस्तानी भाव .

अपने धंधे बंदकर
काहे को टकराये .
वर्ना चीनी के बिना
पीले प्यारे चाय .

(टंट = मुर्ख/गंवार )

क्षणिकाएँ

क्या हुआ मैला हुआ तन . 
देख सुंदर सा मेरा मन .
शुभ्र देवो सा मेरा संसार . 
प्राणप्रिय आओ मेरी बन .

अभी तुक्के लगाये हैं 
अभी तो तीर बाकी हैं 
अभी तदबीर बाकी है 
अभी तकदीर बाकी है
अभी अभिमन्यु जिन्दा 
द्रौपदी का चीर बाकी है .

ना रोने का सबब कोई 
रुलाई भी नहीं आती .
अभी तक रात सी क्यों है
सुबह क्यों हो नहीं जाती .

रतजगे हो रहें हैं यार 
यूँ जागे आँख में सपने .
ना सोते हैं वो इक पल -
और हमें सोने नहीं देते .

ख़ुशी की बात करते हैं 
ये खुश होने नहीं देते .
किसी के हो नहीं सकते 
और हमें होने नहीं देते .

फिजा में घूल रही स्याही 
को क्यों धोने नहीं देते .
सुबह की बात करते हैं 
सुबह होने नहीं देते .

वो इतनी दूर हैं हमसे 
नज़ारे हो नहीं सकते .
इशारे हो नहीं सकते 
हमारे हो नहीं सकते . 

बड़े कमबख्त थे हमारे ख्वाब 
वो तब आये - जब सवेरा हुआ .
मेरी बात दिल कभी माना ही नहीं 
आज हरेक से कहता है - तू मेरा हुआ .

वो हँसे तो देखकर मेरी सूरत 
हमें लगा - लो प्यार हो गया .

हंसने वालों के साथ हंस लूँगा . 
माफ़ मरना - मैं रो नहीं सकता .

वो इस कदर शामिल हैं कहीं मुझमे .
अनकहे मेरे जज्बात भी सुन लेते हैं .

कह दिया होगा - शायद बेख्याली में 
महुब्बत नहीं - हमने तो इबादत की है .

अभी तो पाँव टूटे हैं -
सफ़र बाकी अभी यारो .
अदम में छोड़कर जाना 
हमें अच्छा नहीं लगता .

रहे - ना छोड़ कर जाए 
मेरे दिलको मेरे घर को 
कोई हो ख्वाब ऐसा भी 
पर ऐसा हो नहीं सकता .

किसी की बात में दम था 
किसी के साथ में दम था .
निशाने पर मेरा था दिल 
नाये कम था ना वो कम था .

यही सोचा है इस दिल ने -   
फजीहत भी क्यों करवाओ 
जो मन जाते तो अच्छा था . 
ना मानो - भाड़ में जाओ .

मनाना फर्ज था अपना 
जतन सारे किये हमने -
ना माने क्यों - ये वो जाने 
या फिर उनका खुदा जाने .

ये दिल अपना कभी ना था 
ये सच है आज भी यारो -
किसी का आज तक - इसको 
कभी होना नहीं आया .

किराएदार थे यारो -
किराया भर नहीं पाए .
किराए के दिलों में कब 
तलक यूँ ठाठ से रहते .

कभी तो बात भी होगी 
कहाँ तक चुप रहेंगे वो .
उधर वो भी परेशान हैं 
इधर हम भी परेशां हैं .

ये दिल अब भी परेशा है
सबब कुछ भी नहीं यारो 
फ़क्त बस बात है इतनी 
वो हमको भूलने को हैं - 
भुलाए वो नहीं जाते .

ग़मों से थक गए यारो -
ख़ुशी की बात होने दो .
छतरियाँ खोल लो - अब 
जोर से बरसात होने दो .




क्षितिज के उस पार

क्षितिज के उस पार 
नदिया एक बहती है .
मध्य जिसके ये - 
तूफानी धार रहती है .
तन ये नौका - जल 
भरा मन - कामना है - 
पहुँच जाऊं पार - 
होता है जहाँ उद्धार 
खुलते हैं - जहाँ पर द्वार
देवी एक रहती है .

आ मेरा बन .

देव बहुतेरे 
अकेला था -
मेरा मन .
निभ सके 
जो - प्रीत 
कह दूं -  
आ मेरा बन .

मुक्ति खुद उपहार भी है .

इक प्रणय की वेदना है 
इक तरफ संसार भी है 
जीत जाना भाग्य से है 
हार जाना 'हार' भी है .

मुक्त हो जाता कभी का 
छोड़ देता वासना मैं 
'काम' भी तो है जरुरी 
'काम' से संसार भी है .

ना सखा - कोई बटोही
दिन जगा और रात सोयी
जिन्दगी - पायी की खोयी
जान पाया कोई कोई .

बाँधकर - खुलता नहीं जो
भीड़ में रुलता नहीं जो .
त्रण बिखर जायेंगे शायद
मुक्ति खुद उपहार भी है .

Friday, August 9, 2013

किला जो लाल दीखता है

किला जो लाल दीखता है
वो पीला हो नहीं सकता .
मेरे आजाद भारत का
वो सपना खो नहीं सकता .

गजब की बात है यारो
तमाशा ही तमाशा है
मदारिन देखती है भीड़
चेला भी नया सा है .

मयस्सर थी नहीं - बस्ती
जिन्हें दुनिया जहानों में
वो रहने आ गए यारो
हमारे ही मकानों में .

ये इटली रोम होंगे पास
लेकिन दूर दिल्ली है -
चलेगा तब तो पहुंचेगा
अबे तू शेखचिल्ली है .

किसी दिन धारपर रखके
तुझे भी आजमायेंगे .
बचा ना जब कोई मोदी
तुझे उस दिन बुलायेंगे .


Tuesday, August 6, 2013

क्षणिकाएँ

वो कहते हैं - 
मैं करता हूँ . 
वो करते हैं - 
मैं भरता हूँ .
वो निडर(लीडर) हैं - 
मैं डरता हूँ .

दिल चुप नहीं रहता -
ये हरदम बोलता क्यों है .
जो सुन लिया किसी ने 
तो क्या होगा तेरा यार .

दिल में कोई नश्तर सी 
फांस गड़ रही जनाब 
बातों के तीर - नजाकत 
था हुस्न लाजवाब .

ना चाँद ना सूरज - 
सितारा भी तो मैं नहीं -
हूँ एक मुसाफिर रोज़ 
मैं घर से निकलता हूँ .

सांचा नहीं हूँ - यार 
फिर भी रोज़ ढलता हूँ .
वो दर्द हूँ जो - मोम सा 
हर दिन पिघलता हूँ .

भीगी भीगी सी सुबह हुई 
भीगा मन का कौना कौना .
दिल कहता है मनही मनमें 
हो जाओ जिसका है होना .

अभी तो पाँव टूटे हैं -
सफ़र बाकी अभी यारो .
अदम में छोड़कर जाना 
हमें अच्छा नहीं लगता .

रहे - ना छोड़ कर जाए 
तेरे दिल को तेरे घर को 
कोई हो ख्वाब ऐसा भी 
पर ऐसा हो नहीं सकता .

किसी की बात में दम था 
किसी के साथ में दम था .
निशाने पर मेरा था दिल 
ना ये कम था ना वो कम था .

यही सोचा है अब दिल ने - 
फजीहत भी क्यों करवाओ .
जो मन जाते तो अच्छा था . 
ना मानो - भाड़ में जाओ .

मनाना फर्ज था अपना 
जतन सारे किये हमने -
ना माने क्यों - ये वो जाने 
या फिर उनका खुदा जाने .

ये दिल अपना कभी ना था 
ये सच है आज भी यारो -
किसी का आज तक - इसको 
कभी होना नहीं आया .

किराएदार थे यारो -
किराया भर नहीं पाए .
किराए के दिलों में कब 
तलक यूँ ठाठ से रहते .

कभी तो बात भी होगी 
कहाँ तक चुप रहेंगे वो .
उधर वो भी परेशान हैं 
इधर हम भी परेशां हैं .

ये दिल अब भी परेशा है
सबब कुछ भी नहीं यारो 
फ़क्त बस बात है इतनी 
वो हमको भूलने को हैं - 
भुलाए वो नहीं जाते .

ये दिल अपना कभी ना था 
ये सच है आज भी यारो -
किसी को आज तक इसका 
कभी होना नहीं आया .

ग़मों से थक गए यारो -
ख़ुशी की बात होने दो .
छतरियाँ खोल लो - अब 
जोर से बरसात होने दो .

बहूत गम हैं - तो ख़ुशी के बहाने चाहिए
जिन्दगी में फुर्सतों को नए माने चाहिए .
एक दो बार से तो यार अपना दिल नहीं भरता 
दशहरा ईद दिवाली - हर महीने आने चाहिए .

मनी है ईद - कुछ दिन बाद दिवाली भी आएगी 
नहीं कोई ख़ुशी तो सोचिये फिर क्या करे कोई .

देव टूटें* या रूठें 
कम से कम - यार 
मंगल - अमंगल की 
चिंता से से तो छूटें . 
( टूटें = प्रसन्न हों )

जनता जात बड़ी बेढंगी 
कभी रूठे - कभी चंगी .
जबरन पहनावो मगर -
पर दिखे नंगी की नंगी .

सियासत का भरोसा क्या 
बनाया क्या - परोसा क्या .

मैं खुद को हौसला देता हूँ 
गिर गिरकर उठा यारो .
जो दुश्मन सामने हो - 
चोट फिर देखी नहीं जाती .

नहीं टूटा - तो टूटेगा 
सितम का ये कलुष यारो .
सुबह होने को है यारो 
सुबह बस होने वाली है .

किसी आशा - 
किसी विश्वास के 
झांसे में मत आना . 
बड़े मगरूर शातिर हैं 
इशारों में ही जाँ लेंगे .

नापते तोलते वे हौसले - 
ले हाथ में परवाज बैठे हैं . 
मेरा 'कल' खा गए यारो - 
लिए वो 'आज' बैठे हैं .

सितारे सो गए होंगे . 
इशारे हो गए होंगे .
हमारे ख़ाक वो होंगे - 
किसी के हो गए होंगे .

फूल हाथों में थे उनके - 
मगर यूँ चोट खायी है .
गुलों के साथ गुलदस्ते 
मरों पर फैंकते क्यों हैं .
पता चलता नहीं यारो 
प्यार है या लड़ाई है .

जहाँ तक देखता हूँ - 
सब लिए फ़रियाद बैठे हैं .
वो सारे दूर बैठे हैं -
हम जरा पास बैठे हैं .

भीगी भीगी सी सुबह हुई 
भीगा मन का कौना कौना .
दिल कहता है मनही मनमें 
हो जाओ जिसका है होना .

अभी तो पाँव में दम है 
हौसले भी कहाँ कम है .
कभी मजबूरियाँ होंगी तो 
फिर गिर जायेंगे थक कर .

अभी कहानी शुरू हुई है 
बीच बीच में खो जाती हो .
मैं अपना ही रह जाता हूँ . 
जाने किसकी हो जाती हो .

वो जाहिर से हैं - छुपे भी हैं 
ये बात अब उन्हें बताये कौन .

कैसे अजीब लोग मिले 
जिन्दगी में यार .
दोस्त कहते भी हैं 
और दोस्त लगते भी नहीं .

ये तुमसे कब कहा - यारा 
मैं जैसा भी हूँ- पूरा हूँ .
तुम्हारे बिन तो मेरे यार 
बस आधा अधुरा हूँ .

जो सपने सच हुए होते - 
ना जाने क्या हुआ होता .

दुश्मनी लाख बुरी हो लेकिन 
दोस्त दुश्मन सा बुरा होता है .

ये उनसे क्यों कहा हमने 
जो ना कहते तो अच्छा था 
थे वो भी तो अभी नादाँ -
और ये दिल भी तो बच्चा था .

इस दुनिया में है कौन यार 
जो कभी किसी पर मरा नहीं 
क्या रहे किनारे सागर के -
ना डूबा जो - वो तरा नहीं

हम बुरे लगे - या भले लगे
तुम से अब कोई गिला नहीं . 
हमसे लाखों तेरे होंगे -
हमको तुझसा कोई मिला नहीं .

कैसे कहूं अब ईद मुबारक 
तुझे मैं दोस्त .
जब तक ये बैरी चाँद 
मुबारक नहीं होता .