कोई मिल गया था
साथ मिलकर -
मेरे सपनों को सच करने
श्वेत श्याम हो चली
जिन्दगी में इंद्रधनुषी -
सतरंगी रंग भरने .
मुहजोर - उदंड
वक्त से टकराने -
विषम परिस्थितियों से
जूझने - लड़ने
मारने मरने .
आज - महाभारत की
जंग जीते अरसा हुआ .
अश्रुपूरित नेत्रों से अर्जुन
खड़ा बाट निहार रहा है -
व्यथित हृदय से -
गोलोक धाम जा चुके
अपने मित्र - सारथि -
श्री कृष्ण को पुकार रहा है .
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