तिकड़मे सारी लगाईं जायेगी फिर
तीर और तलवार से मारेंगे तोरण -
भाड में जाए आबरू वतन की
भाड में जाए आबरू वतन की
चिन्दियाँ फिर से उड़ें नैतिक पतन की .
फ़तेह ऐसे ही दिलाई जायेगी फिर .
सिंह को बनवास का - तोहफा मिलेगा
नए दौर का श्रीगणेश होगा - देखना
नए दौर का श्रीगणेश होगा - देखना
फिर किसी गीदड़ का राज्याभिषेक होगा .
यही सच है ना कोई - किस्सा कहानी
बात जंगल की नहीं - मेरे चमन की
जाग जा तू नींद से है ये जुबानी
जाग जा तू नींद से है ये जुबानी
देश दुनिया की नहीं मेरे वतन की .
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