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Friday, August 2, 2013

सभी तो ग़मज़दा से हैं

सभी तो ग़मज़दा से हैं 
सभी तो खौफ खाए हैं .
अभी चमड़ी उधडनी है 
नए हंटर मंगाएं हैं .

खड़े हैं हाथ को जोड़े -
लगी है थाप ढोलक पर  
कोई बच्चा हुआ है क्या 
जो ये हिजड़े बुलाएं हैं .

तेरा चेहरा नहीं मुझसा 
कोई ना रीत मिलती है .
ये इटली रोम से यारो 
ना अपनी प्रीत मिलती है . 

बीन पर नाचना छोड़ो  
तू बन्दर है ना भालू है .
नचा अपने इशारों पर 
जो धौला है जो कालू है .  





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