कई जो मर्तबा टूटा - उस
दिल का मोल क्या बाकी
किसी को दे भी दें लेकिन
किसी का हो नहीं सकता .
ना रुक पाओ
चले जाओ .
हृदय के द्वार खूल्लें हैं -
ना माने दिल
चले आओ .
दिल का मोल क्या बाकी
किसी को दे भी दें लेकिन
किसी का हो नहीं सकता .
किराए बढ़ गए दिलके
ना दे पाओ तो जाने दो .
ना रुक पाओ चले जाओ
नया किरायेदार आने दो .
ना दे पाओ तो जाने दो .
ना रुक पाओ चले जाओ
नया किरायेदार आने दो .
जो गिर कर चूर हो जाए
वो पत्थर हो नहीं सकता .
जो बंट जाए हजारों में
मेरा दिल हो नहीं सकता .
वो पत्थर हो नहीं सकता .
जो बंट जाए हजारों में
मेरा दिल हो नहीं सकता .
फरेबों से भरी दुनिया
सभी दिखते पराये हैं .
तेरा अपना कहलाने को
यार अब दिल नहीं करता .
सभी दिखते पराये हैं .
तेरा अपना कहलाने को
यार अब दिल नहीं करता .
चले हैं - ढूँढने खुद को
जहाँ में खो गए हम हैं .
जो खुद को पा लिया होता
खुदा को पा लिया होता .
जहाँ में खो गए हम हैं .
जो खुद को पा लिया होता
खुदा को पा लिया होता .
ना कोई है - ना कोई था
ना कोई भी कभी होगा .
तेरे सिवा भी - कोई है
यार क्या बात करते हो .
ना कोई भी कभी होगा .
तेरे सिवा भी - कोई है
यार क्या बात करते हो .
हंसी की बात करते हो
और हंसने भी नहीं देते
अबे तुम कांग्रेसी हो क्या .
और हंसने भी नहीं देते
अबे तुम कांग्रेसी हो क्या .
कठिन थे रास्ते दिलके
न चलते हम तो क्या करते .
शहर में था कहाँ अपना -
जो उसके घर चले जाते .
न चलते हम तो क्या करते .
शहर में था कहाँ अपना -
जो उसके घर चले जाते .
उलझने ऐसी -
की दिल हैरान
परेशांन भी हैं .
रूठना आता नहीं
यूँ मन भी जाते -
पर किसी का -
ध्यान भी है .
की दिल हैरान
परेशांन भी हैं .
रूठना आता नहीं
यूँ मन भी जाते -
पर किसी का -
ध्यान भी है .
ना रुक पाओ
चले जाओ .
हृदय के द्वार खूल्लें हैं -
ना माने दिल
चले आओ .
जो किसी ने - दी हमे आवाज़
रुक जाना पड़ेगा .
आ गया जो लौटकर वो पास
तो बसजाना पड़ेगा .
रुक जाना पड़ेगा .
आ गया जो लौटकर वो पास
तो बसजाना पड़ेगा .
नटों और बोल्ट से -
अपना वजूद कस रहा हूँ मैं .
उजड़ना चाहते हैं लोग -
बस रहा हूँ मैं .
जिन्हें बसने की चाहत थी
उन्ही को घर नहीं मिला
था जिनके पाँव में चक्कर -
उन्हें सफ़र नहीं मिला .
दिल को समझाने का
इक हुनर तो है .
कटे जो हाथ तो - क्या
अभी सर तो है .
दुखों की आग लगी -
बुझाई न गयी .
सेंकडों दर्द सीने में -
दिलकी तन्हाई ना गयी।
जिसे भी देखा - रंजों
ग़मों से तर देखा .
किसी की आँख में आँसू
किसी के समन्दर देखा .
तुम्हारे सामने हम हैं
उधर तुम देखते क्या हो
इधर है प्रेम का सागर
उधर कुछ भी नहीं यारा .
जरा रूक जाओ पल भर को
मेरे दिल को सँभलने दो .
अभी तो रात बाकी है -
जरा दिन तो निकलने दो .
हुई जो तेज़ बारिश -
पाँव फिसले ना जम पाए .
बड़ी सुनी रही महफ़िल
ना तुम आये ना हम आये .
मुफ्त में बेचने चला था
मेरी तन्हाइयों का -
खरीदार न मिला कोई .
गुम हैं किसी के ख़्वाबों में दिल
या ईलाही अब ना जगाये कोई .
खुबसूरत हो मेरे ख़्वाबों की तरह
हकीकत यूँ कब हसींन होती है
खबर जो होती तो -
हम भी देख लेते यार .
बहारों के बाद - पतझर
कैसे चुपके से चले आते हैं .
हम तो वो हैं जिधर -
कब से उधर देखते हैं .
किधर है ध्यान उनका -
जाने किधर देखते हैं .
भूल जाना - चला गया कोई
चला गया तो याद आऊंगा -
याद करना - चला गया कोई .
महुब्बत गर जिन्दगी है तो मौत क्या है .
गर ये बेखौफ है तो - वो भी बेपरवाह है .
समझ में कुछ नहीं आता - माजरा क्या है .
मरने जीने का भी ये अजीब सिलसिला है .
इश्क पैगामे महुब्बत है खुदा
गर यकीं है तो यही सच होगा .
मैल कपड़ों की भी बुरी होती है
दिलको कब किसने धोकर देखा .
अपना वजूद कस रहा हूँ मैं .
उजड़ना चाहते हैं लोग -
बस रहा हूँ मैं .
जिन्हें बसने की चाहत थी
उन्ही को घर नहीं मिला
था जिनके पाँव में चक्कर -
उन्हें सफ़र नहीं मिला .
दिल को समझाने का
इक हुनर तो है .
कटे जो हाथ तो - क्या
अभी सर तो है .
दुखों की आग लगी -
बुझाई न गयी .
सेंकडों दर्द सीने में -
दिलकी तन्हाई ना गयी।
जिसे भी देखा - रंजों
ग़मों से तर देखा .
किसी की आँख में आँसू
किसी के समन्दर देखा .
तुम्हारे सामने हम हैं
उधर तुम देखते क्या हो
इधर है प्रेम का सागर
उधर कुछ भी नहीं यारा .
जरा रूक जाओ पल भर को
मेरे दिल को सँभलने दो .
अभी तो रात बाकी है -
जरा दिन तो निकलने दो .
हुई जो तेज़ बारिश -
पाँव फिसले ना जम पाए .
बड़ी सुनी रही महफ़िल
ना तुम आये ना हम आये .
मुफ्त में बेचने चला था
मेरी तन्हाइयों का -
खरीदार न मिला कोई .
गुम हैं किसी के ख़्वाबों में दिल
या ईलाही अब ना जगाये कोई .
खुबसूरत हो मेरे ख़्वाबों की तरह
हकीकत यूँ कब हसींन होती है
खबर जो होती तो -
हम भी देख लेते यार .
बहारों के बाद - पतझर
कैसे चुपके से चले आते हैं .
हम तो वो हैं जिधर -
कब से उधर देखते हैं .
किधर है ध्यान उनका -
जाने किधर देखते हैं .
भूल जाना - चला गया कोई
चला गया तो याद आऊंगा -
याद करना - चला गया कोई .
महुब्बत गर जिन्दगी है तो मौत क्या है .
गर ये बेखौफ है तो - वो भी बेपरवाह है .
समझ में कुछ नहीं आता - माजरा क्या है .
मरने जीने का भी ये अजीब सिलसिला है .
इश्क पैगामे महुब्बत है खुदा
गर यकीं है तो यही सच होगा .
मैल कपड़ों की भी बुरी होती है
दिलको कब किसने धोकर देखा .
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