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Sunday, August 11, 2013

क्षितिज के उस पार

क्षितिज के उस पार 
नदिया एक बहती है .
मध्य जिसके ये - 
तूफानी धार रहती है .
तन ये नौका - जल 
भरा मन - कामना है - 
पहुँच जाऊं पार - 
होता है जहाँ उद्धार 
खुलते हैं - जहाँ पर द्वार
देवी एक रहती है .

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