वो कहते हैं -
मैं करता हूँ .
वो करते हैं -
मैं भरता हूँ .
वो निडर(लीडर) हैं -
मैं डरता हूँ .
दिल चुप नहीं रहता -
ये हरदम बोलता क्यों है .
जो सुन लिया किसी ने
तो क्या होगा तेरा यार .
दिल में कोई नश्तर सी
फांस गड़ रही जनाब
बातों के तीर - नजाकत
था हुस्न लाजवाब .
ना चाँद ना सूरज -
सितारा भी तो मैं नहीं -
हूँ एक मुसाफिर रोज़
मैं घर से निकलता हूँ .
सांचा नहीं हूँ - यार
फिर भी रोज़ ढलता हूँ .
वो दर्द हूँ जो - मोम सा
हर दिन पिघलता हूँ .
भीगी भीगी सी सुबह हुई
भीगा मन का कौना कौना .
दिल कहता है मनही मनमें
हो जाओ जिसका है होना .
अभी तो पाँव टूटे हैं -
सफ़र बाकी अभी यारो .
अदम में छोड़कर जाना
हमें अच्छा नहीं लगता .
रहे - ना छोड़ कर जाए
तेरे दिल को तेरे घर को
कोई हो ख्वाब ऐसा भी
पर ऐसा हो नहीं सकता .
किसी की बात में दम था
किसी के साथ में दम था .
निशाने पर मेरा था दिल
ना ये कम था ना वो कम था .
यही सोचा है अब दिल ने -
फजीहत भी क्यों करवाओ .
जो मन जाते तो अच्छा था .
ना मानो - भाड़ में जाओ .
मनाना फर्ज था अपना
जतन सारे किये हमने -
ना माने क्यों - ये वो जाने
या फिर उनका खुदा जाने .
ये दिल अपना कभी ना था
ये सच है आज भी यारो -
किसी का आज तक - इसको
कभी होना नहीं आया .
किराएदार थे यारो -
किराया भर नहीं पाए .
किराए के दिलों में कब
तलक यूँ ठाठ से रहते .
कभी तो बात भी होगी
कहाँ तक चुप रहेंगे वो .
उधर वो भी परेशान हैं
इधर हम भी परेशां हैं .
ये दिल अब भी परेशा है
सबब कुछ भी नहीं यारो
फ़क्त बस बात है इतनी
वो हमको भूलने को हैं -
भुलाए वो नहीं जाते .
ये दिल अपना कभी ना था
ये सच है आज भी यारो -
किसी को आज तक इसका
कभी होना नहीं आया .
ग़मों से थक गए यारो -
ख़ुशी की बात होने दो .
छतरियाँ खोल लो - अब
जोर से बरसात होने दो .
बहूत गम हैं - तो ख़ुशी के बहाने चाहिए
जिन्दगी में फुर्सतों को नए माने चाहिए .
एक दो बार से तो यार अपना दिल नहीं भरता
दशहरा ईद दिवाली - हर महीने आने चाहिए .
मनी है ईद - कुछ दिन बाद दिवाली भी आएगी
नहीं कोई ख़ुशी तो सोचिये फिर क्या करे कोई .
देव टूटें* या रूठें
कम से कम - यार
मंगल - अमंगल की
चिंता से से तो छूटें .
( टूटें = प्रसन्न हों )
जनता जात बड़ी बेढंगी
कभी रूठे - कभी चंगी .
जबरन पहनावो मगर -
पर दिखे नंगी की नंगी .
सियासत का भरोसा क्या
बनाया क्या - परोसा क्या .
मैं खुद को हौसला देता हूँ
गिर गिरकर उठा यारो .
जो दुश्मन सामने हो -
चोट फिर देखी नहीं जाती .
नहीं टूटा - तो टूटेगा
सितम का ये कलुष यारो .
सुबह होने को है यारो
सुबह बस होने वाली है .
किसी आशा -
किसी विश्वास के
झांसे में मत आना .
बड़े मगरूर शातिर हैं
इशारों में ही जाँ लेंगे .
नापते तोलते वे हौसले -
ले हाथ में परवाज बैठे हैं .
मेरा 'कल' खा गए यारो -
लिए वो 'आज' बैठे हैं .
सितारे सो गए होंगे .
इशारे हो गए होंगे .
हमारे ख़ाक वो होंगे -
किसी के हो गए होंगे .
फूल हाथों में थे उनके -
मगर यूँ चोट खायी है .
गुलों के साथ गुलदस्ते
मरों पर फैंकते क्यों हैं .
पता चलता नहीं यारो
प्यार है या लड़ाई है .
जहाँ तक देखता हूँ -
सब लिए फ़रियाद बैठे हैं .
वो सारे दूर बैठे हैं -
हम जरा पास बैठे हैं .
भीगी भीगी सी सुबह हुई
भीगा मन का कौना कौना .
दिल कहता है मनही मनमें
हो जाओ जिसका है होना .
अभी तो पाँव में दम है
हौसले भी कहाँ कम है .
कभी मजबूरियाँ होंगी तो
फिर गिर जायेंगे थक कर .
अभी कहानी शुरू हुई है
बीच बीच में खो जाती हो .
मैं अपना ही रह जाता हूँ .
जाने किसकी हो जाती हो .
वो जाहिर से हैं - छुपे भी हैं
ये बात अब उन्हें बताये कौन .
कैसे अजीब लोग मिले
जिन्दगी में यार .
दोस्त कहते भी हैं
और दोस्त लगते भी नहीं .
ये तुमसे कब कहा - यारा
मैं जैसा भी हूँ- पूरा हूँ .
तुम्हारे बिन तो मेरे यार
बस आधा अधुरा हूँ .
जो सपने सच हुए होते -
ना जाने क्या हुआ होता .
दुश्मनी लाख बुरी हो लेकिन
दोस्त दुश्मन सा बुरा होता है .
ये उनसे क्यों कहा हमने
जो ना कहते तो अच्छा था
थे वो भी तो अभी नादाँ -
और ये दिल भी तो बच्चा था .
इस दुनिया में है कौन यार
जो कभी किसी पर मरा नहीं
क्या रहे किनारे सागर के -
ना डूबा जो - वो तरा नहीं
हम बुरे लगे - या भले लगे
तुम से अब कोई गिला नहीं .
हमसे लाखों तेरे होंगे -
हमको तुझसा कोई मिला नहीं .
कैसे कहूं अब ईद मुबारक
तुझे मैं दोस्त .
जब तक ये बैरी चाँद
मुबारक नहीं होता .
मैं करता हूँ .
वो करते हैं -
मैं भरता हूँ .
वो निडर(लीडर) हैं -
मैं डरता हूँ .
दिल चुप नहीं रहता -
ये हरदम बोलता क्यों है .
जो सुन लिया किसी ने
तो क्या होगा तेरा यार .
दिल में कोई नश्तर सी
फांस गड़ रही जनाब
बातों के तीर - नजाकत
था हुस्न लाजवाब .
ना चाँद ना सूरज -
सितारा भी तो मैं नहीं -
हूँ एक मुसाफिर रोज़
मैं घर से निकलता हूँ .
सांचा नहीं हूँ - यार
फिर भी रोज़ ढलता हूँ .
वो दर्द हूँ जो - मोम सा
हर दिन पिघलता हूँ .
भीगी भीगी सी सुबह हुई
भीगा मन का कौना कौना .
दिल कहता है मनही मनमें
हो जाओ जिसका है होना .
अभी तो पाँव टूटे हैं -
सफ़र बाकी अभी यारो .
अदम में छोड़कर जाना
हमें अच्छा नहीं लगता .
रहे - ना छोड़ कर जाए
तेरे दिल को तेरे घर को
कोई हो ख्वाब ऐसा भी
पर ऐसा हो नहीं सकता .
किसी की बात में दम था
किसी के साथ में दम था .
निशाने पर मेरा था दिल
ना ये कम था ना वो कम था .
यही सोचा है अब दिल ने -
फजीहत भी क्यों करवाओ .
जो मन जाते तो अच्छा था .
ना मानो - भाड़ में जाओ .
मनाना फर्ज था अपना
जतन सारे किये हमने -
ना माने क्यों - ये वो जाने
या फिर उनका खुदा जाने .
ये दिल अपना कभी ना था
ये सच है आज भी यारो -
किसी का आज तक - इसको
कभी होना नहीं आया .
किराएदार थे यारो -
किराया भर नहीं पाए .
किराए के दिलों में कब
तलक यूँ ठाठ से रहते .
कभी तो बात भी होगी
कहाँ तक चुप रहेंगे वो .
उधर वो भी परेशान हैं
इधर हम भी परेशां हैं .
ये दिल अब भी परेशा है
सबब कुछ भी नहीं यारो
फ़क्त बस बात है इतनी
वो हमको भूलने को हैं -
भुलाए वो नहीं जाते .
ये दिल अपना कभी ना था
ये सच है आज भी यारो -
किसी को आज तक इसका
कभी होना नहीं आया .
ग़मों से थक गए यारो -
ख़ुशी की बात होने दो .
छतरियाँ खोल लो - अब
जोर से बरसात होने दो .
बहूत गम हैं - तो ख़ुशी के बहाने चाहिए
जिन्दगी में फुर्सतों को नए माने चाहिए .
एक दो बार से तो यार अपना दिल नहीं भरता
दशहरा ईद दिवाली - हर महीने आने चाहिए .
मनी है ईद - कुछ दिन बाद दिवाली भी आएगी
नहीं कोई ख़ुशी तो सोचिये फिर क्या करे कोई .
देव टूटें* या रूठें
कम से कम - यार
मंगल - अमंगल की
चिंता से से तो छूटें .
( टूटें = प्रसन्न हों )
जनता जात बड़ी बेढंगी
कभी रूठे - कभी चंगी .
जबरन पहनावो मगर -
पर दिखे नंगी की नंगी .
सियासत का भरोसा क्या
बनाया क्या - परोसा क्या .
मैं खुद को हौसला देता हूँ
गिर गिरकर उठा यारो .
जो दुश्मन सामने हो -
चोट फिर देखी नहीं जाती .
नहीं टूटा - तो टूटेगा
सितम का ये कलुष यारो .
सुबह होने को है यारो
सुबह बस होने वाली है .
किसी आशा -
किसी विश्वास के
झांसे में मत आना .
बड़े मगरूर शातिर हैं
इशारों में ही जाँ लेंगे .
नापते तोलते वे हौसले -
ले हाथ में परवाज बैठे हैं .
मेरा 'कल' खा गए यारो -
लिए वो 'आज' बैठे हैं .
सितारे सो गए होंगे .
इशारे हो गए होंगे .
हमारे ख़ाक वो होंगे -
किसी के हो गए होंगे .
फूल हाथों में थे उनके -
मगर यूँ चोट खायी है .
गुलों के साथ गुलदस्ते
मरों पर फैंकते क्यों हैं .
पता चलता नहीं यारो
प्यार है या लड़ाई है .
जहाँ तक देखता हूँ -
सब लिए फ़रियाद बैठे हैं .
वो सारे दूर बैठे हैं -
हम जरा पास बैठे हैं .
भीगी भीगी सी सुबह हुई
भीगा मन का कौना कौना .
दिल कहता है मनही मनमें
हो जाओ जिसका है होना .
अभी तो पाँव में दम है
हौसले भी कहाँ कम है .
कभी मजबूरियाँ होंगी तो
फिर गिर जायेंगे थक कर .
अभी कहानी शुरू हुई है
बीच बीच में खो जाती हो .
मैं अपना ही रह जाता हूँ .
जाने किसकी हो जाती हो .
वो जाहिर से हैं - छुपे भी हैं
ये बात अब उन्हें बताये कौन .
कैसे अजीब लोग मिले
जिन्दगी में यार .
दोस्त कहते भी हैं
और दोस्त लगते भी नहीं .
ये तुमसे कब कहा - यारा
मैं जैसा भी हूँ- पूरा हूँ .
तुम्हारे बिन तो मेरे यार
बस आधा अधुरा हूँ .
जो सपने सच हुए होते -
ना जाने क्या हुआ होता .
दुश्मनी लाख बुरी हो लेकिन
दोस्त दुश्मन सा बुरा होता है .
ये उनसे क्यों कहा हमने
जो ना कहते तो अच्छा था
थे वो भी तो अभी नादाँ -
और ये दिल भी तो बच्चा था .
इस दुनिया में है कौन यार
जो कभी किसी पर मरा नहीं
क्या रहे किनारे सागर के -
ना डूबा जो - वो तरा नहीं
हम बुरे लगे - या भले लगे
तुम से अब कोई गिला नहीं .
हमसे लाखों तेरे होंगे -
हमको तुझसा कोई मिला नहीं .
कैसे कहूं अब ईद मुबारक
तुझे मैं दोस्त .
जब तक ये बैरी चाँद
मुबारक नहीं होता .
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