वो पौधा फल नहीं सकता
जो अपनी जड़ से टुटा है
मुबारक हो नहीं सकता
जो अपने कल से छूटा है।
लगेगी क्या कलम तेरी
इन परदेसी मकानों में
ये तेरा मुल्क अच्छा है
उगें बरगद मसानो में .
जो मेरा ही नहीं है - मैं
उसको अपना कह नहीं सकता
मेरे बिन देश तो रह लेगा -
मैं उस बिन रह नहीं सकता .
जो अपनी जड़ से टुटा है
मुबारक हो नहीं सकता
जो अपने कल से छूटा है।
लगेगी क्या कलम तेरी
इन परदेसी मकानों में
ये तेरा मुल्क अच्छा है
उगें बरगद मसानो में .
जो मेरा ही नहीं है - मैं
उसको अपना कह नहीं सकता
मेरे बिन देश तो रह लेगा -
मैं उस बिन रह नहीं सकता .