गुनगुना लो .
प्यार का तकिया हूँ
सिरहाना लगा लो .
बात ज्यादा ना बढ़ जाए
यार - पहले तुम
अपने दिल को संभालो .
किसी का मैं ना सही
कोई अपना ही सही .
ना सही घर चलो -
घरका सपना ही सही .
गरीब की मजबूरी
या मजदूरी
खा गया - वो
लम्बी कार
ऊँचे महलों वाला .
घृणा के गरजते
हुए बादल - सबकी
नजर में फैले थे -
क्या हुआ -
दिल खरा साफ़ था
कपडे ही जरा मैले थे .
कल पकड़ते पकड़ते
मेरे हाथों से -
आज गया -
मेरा कल भी गया .
कोई ज्यादा नहीं तो कम भी नहीं
जा जिन्दगी तुझमे कोई दमभी नहीं .
जो ऐसी बात है तो - मिला फिर हाथ
आज तू नहीं - या फिर हमभी नहीं .
ठिठुरती रात या
जले दिनों का हिसाब माँगू
ऐ जिन्दगी तू ही बता
तुझसे मैं क्या -
चीज लाज़वाब माँगूं .
उसने कहा वो ख्वाब है
मिलेगी ना कभी भी .
दिन तो गया - अब रात का
बस इंतज़ार है
सुखों के साथ दुःख
और फूल संग कांटे
पैकेज है बाबू - एक
के साथ एक फ्री है .
दामन में मेरे आज भी हैं
फूल बेहिसाब .
काँटों से बच सको - तो
नजर करदूं मैं जनाब .
हम मर गए उन्हें संभालते हुए
वे थक गए दिल से निकालते हुए .
तुम्हारे कुछ नहीं लगते
बता देते तो अच्छा था .
सिमट कर क्या मिला यारो
बिखर जाते तो अच्छा था .
आज भी खाली है मन का वो
अनछुआ कौना - दिल कहता है
चुपके से उसे - मेरे ना सही
पर किसी और की भी मत होना .
शब्द कभी भी बंजर नहीं होते -बस
जमीं ही बंजर निकल आती है कभी .
गावं अभी बसा नहीं
चौधरी पहले तैयार
अडवानी नहीं मोदी यार .
बीज बोया है -
जरा उगने दो कपास
फिर कर लेना
जुलाहे से लठ्ठम लठ्ठा .
एक गांधारी थी और
उसका भॊन्दु राजकुमार
एक मोदी है - जिसके
चाहने वाले करोड़ों यार .
बात टक्कर की नहीं
फिर भी हुई तकरार .
होगा अंजाम क्या -
खुदा जाने यार .
अपने जैसा जो कहीं मिल जाए
बात हों दिल की कलि खिल जाए .
कमल दिल का कभी खिला ही नहीं
मिले तो लोग ऐसा कोई मिला ही नहीं .
वो एक अनजान सी कहानी है
दोस्तों वही तो तुम्हें सुनानी है .
गूंगा राजा है - और अंधी रानी है
नयी नहीं है - ये दासता पुरानी है .
सभी अंधे तो राजा काना क्या
फिर यार नाती क्या नाना क्या
मोदी का हव्वुआ दिखाना क्या
कांग्रेस का रहना क्या जाना क्या .
सपनों के आभासी सच
और प्रेम के - सरोकार
आभास थे पर जाने क्यों
मुझे सच लगे हर बार .
बहूत कौशिश की पर
लिखी नहीं जाती
पतझरों के मौसम में
बहार पर लिखूं कैसे .