वो दिन कैसे -
रूई के फाये से
नाजुक - बिलकुल
बाल स्वप्न के जैसे .
ये दिन कैसे -
सुबह हुई - दिन बाकी है
रात अभी पड़ी है सारी .
पूरा दिन जैसे लाचारी .
आने वाले दिन - कैसे
जिसके जैसे आज
कल भी वो वैसे के वैसे .
रूई के फाये से
नाजुक - बिलकुल
बाल स्वप्न के जैसे .
ये दिन कैसे -
सुबह हुई - दिन बाकी है
रात अभी पड़ी है सारी .
पूरा दिन जैसे लाचारी .
आने वाले दिन - कैसे
जिसके जैसे आज
कल भी वो वैसे के वैसे .
No comments:
Post a Comment