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Wednesday, January 5, 2011

लिख मेरे यार लिख

लिख मेरे यार लिख ,
कुछ ऐसा लिख की -
मेरा भारत एक चमन हो जाये -
कहीं भी कुछ गलत सा न लगे -
चारों ओर शांति ओर अमन हो जाये .

काली,खाकी,और सफ़ेद पोश
सब अपने से हों -अपने से लगें -
हम सभी को ऐसा वहम हो जाये .

न मरे भूख से कोई फूटपाथ पर -
खेत-खलियानों में इतना अन्न हो जाये
ये मेरे देश की गलियां -
ना गालिया सी दिखें -
विलायत का सा कुच्छ भरम हो जाये .

हम ही हम हों - हर विधि -हर क्षेत्र में
इतना हम में दम-ख़म हो जाये -
हिन्दुस्तानी होना गाली सा ना हो
इतना ऊँचा हमारा परचम हो जाये .

हिमालय हमारी आन -
हिन्दुत्व हमारी शान, हो हाथ में
आर्यव्रत का निशान -
कहीं ये सपना तो नहीं श्रीमान.

सपना भी है तो सच होगा - एक दिन
तुम और मैं जिस दिन हम हों जाएँगे ,
उस दिन - दुश्मनों के सर कलम हो जाएँगे .

ये मेरी लेखनी और तेरे तीर -
घाव करते हैं -अति गंभीर .
इनकी तुर्शी में हमेशा दम हो
इनकी नोकका पैनापन ना कभी कम हो जाए 

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