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Wednesday, January 5, 2011

मैं वही हूँ

मैं वही हूँ -
जो लड़ गया था
पूरे ज़माने से
लिख डाले थे
नए इतिहास

वो काल पुरुष
कायर -भीरु नहीं हो सकता
इस समर क्षेत्र में
मुहं ढक के नहीं सो सकता

उठ -एक नए विश्वाश
नए उल्लास के साथ
तू हारने के लिए नहीं बना
लड़ और रचदे एक
नया इतिहास

बता दे -ज़माने को
तू अभी मरा नहीं है
किसी आपदा-विपत्ति से
डरा नहीं है

फिर सुबह होगी
एक नए विश्वाश
के साथ -एक नयी
जीत की नींव -फिर
से रखी जाएगी

यकीं रख -वो
सुबह अभी -और
आज ही आयेगी .

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