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Wednesday, January 5, 2011

लगता है सुबह हो गयी .

धुप का टुकड़ा -आँगन में
पड़े अख़बार पर पड़ता है
तो लगता है सुबह हो गयी .

ऑफिस को भागते बाबु
स्कूल को जाते बच्चे -
लगता है सुबह हो गयी

लंच के बाद -इंडिया गेट
के लान में झपकी लेते
सरकारी बाबु -

भीड़ में रेंगता ट्राफिक -
चिल पों - भाजी वाले से
झगड़ता -बाबु .
अपने अपने नीड़ों की
तरफ जाते पखेरू
लगता है -शाम हो गयी है

बच्चों को होमवर्क कराती
माताएं -चोके में घूम घूमकर
बार-बार आती -
दाल में छोंक लगाती -
पुरे दिन का ब्यौरा बताती -
पत्नियाँ .

सन्नाटे को तोडती -कभी
कभार गुजरजाती मोटरगाड़ी -
धीरे से बगल से फुसफुसाती
एक आवाज -शी..शी...
बत्ती बंद करदो .
लगता है रात हो गयी है

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