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Monday, January 17, 2011

तू चलें -तो सारा जग चले

तू चलें -तो सारा जग चले
रुकी जिन्दगी कहीं झील सी
हर चुप को -कहकहों में ढालते
ना रुको कहीं -बढे चलो .

हो एक परचम हाथ में
ले दुआएं सब की दिलों में तू
है तलाश जिनको हों साथ में
ना रुको कहीं -बढे चलो.

तेरे मेरे अपनों के -
सबकी आँखों के सपने को
धरती को स्वर्ग बनाने के
तेरे मेरे को आलोक में आने के
दिए अब हमे जलाने दो.

चलो राजा से जा कर कहें-
सिंघासन ख़ाली करो-
हमे अन्दर आने दो -
नए स्वराज के सपने सजाने दो .

जो बुरा-कलुषित कलंक है
उसे अब हमे मिटाने दो -
हर इंसान को उसके हिस्से का
भाग उसे मिल जाने दो .

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