कलम थी जेब में -
और कदम रस्ते में
भरी बरसात में -
भीगे अखबार के
नज़ारे देखो .
सिमट गए थे -
घरों में .
हवाएँ तेज़ -
बिखरना मुश्किल .
विरह के गीत में -
टूटे हुए तारे देखो .
और कदम रस्ते में
भरी बरसात में -
भीगे अखबार के
नज़ारे देखो .
सिमट गए थे -
घरों में .
हवाएँ तेज़ -
बिखरना मुश्किल .
विरह के गीत में -
टूटे हुए तारे देखो .
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