चोट लगती है फूल से भी यार
फूल पत्थर की तरह फैंको मत
सुर नहीं साज नहीं आवाज़ नहीं
अब यूँ गधों की तरह रेंकों मत .
जिनावर नहीं आदमी हूँ यार
हमपे कुत्तों की तरह भौंको मत .
विदाई दूर - ये तो आगाज़ है
अभी से यार मेरे चौंकों मत .
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