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Monday, July 15, 2013

मैं ऐसा क्यों हूँ

मैं ऐसा क्यों हूँ  ?
कुछ करता नहीं 
पर दंगों से डरता हूँ 
लोग बच जाते हैं
बस मैं ही मरता हूँ .

डीजल पांच रूपये बढ़ जाएँ 
तो शोर मचाता हूँ 
पचास पैसे की वृद्धि पर 
घर से दफ्तर और 
दफ्तर से सीधा घर आता हूँ .

किसी का बुरा नहीं चाहता
किसी को नहीं सताता हूँ
फिर भी निरीह हूँ -
बलि का बकरा कहलाता हूँ
किसी का ख़ास नहीं -
आम आदमी के नाम से
जाना - जाता हूँ .
मैं ऐसा क्यों हूँ .

पुंगी बजाने में सबसे पीछे -
ताली बजाने में आगे
हर जलसे की शान -
जैसे हर गली - हर
चौराहे की पान की दूकान .
पान थूकता नहीं खाता हूँ
मैं ऐसा क्यों हूँ .

कभी गांधी - कभी लोधी
कभी सोनिया - कभी मोदी
सबको झेलता हूँ - और
धरती सा बिछ जाता हूँ
सत्ता की पहली सीढ़ी
पहला पायदान - क्यों
बन कर रह जाता हूँ .
रंक हूँ पर राजा बनाता हूँ
मैं ऐसा क्यों हूँ .

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