कितना कुछ दे दिया
और दे रहें हैं - बदले में
मुफ्त की सिसकियाँ
और आँसू ही तो
मांगते हैं - ले रहें हैं .
कांग्रेस तो यूँहीं बदनाम है
जिसका चर्चा आम है
भृष्टाचार में भी देखिये
हमारा कितना ऊपर नाम हैं .
डीजल में - मात्र पचास पैसे
प्रति माह बढ़ाना -
महंगाई को नयी ऊँचाइयों तक
थामके रखना - पहुंचाना
इतना आसान नहीं है माना
पर हम कर रहें हैं .
हर देशप्रेमी पागल -
नालायक इमानदार से
देखो ना हम कितनी
शिद्दत के साथ
कई दशक से लड़ रहें हैं .
सारे खाते देख लो
कुल में - कुछ हज़ार हैं
अब भविष्य तो अंधा है -
विदेशों में रख छोड़े तो क्या
मात्र कुछ अरब जोडे तो क्या
मैं हूँ मेरी सरकार है .
और दे रहें हैं - बदले में
मुफ्त की सिसकियाँ
और आँसू ही तो
मांगते हैं - ले रहें हैं .
कांग्रेस तो यूँहीं बदनाम है
जिसका चर्चा आम है
भृष्टाचार में भी देखिये
हमारा कितना ऊपर नाम हैं .
डीजल में - मात्र पचास पैसे
प्रति माह बढ़ाना -
महंगाई को नयी ऊँचाइयों तक
थामके रखना - पहुंचाना
इतना आसान नहीं है माना
पर हम कर रहें हैं .
हर देशप्रेमी पागल -
नालायक इमानदार से
देखो ना हम कितनी
शिद्दत के साथ
कई दशक से लड़ रहें हैं .
सारे खाते देख लो
कुल में - कुछ हज़ार हैं
अब भविष्य तो अंधा है -
विदेशों में रख छोड़े तो क्या
मात्र कुछ अरब जोडे तो क्या
मैं हूँ मेरी सरकार है .
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