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Sunday, July 7, 2013

क्षणिकाएं

जब तैरा बीच समंदर में 
ये पागल मनुआ क्यों डोले .
यूँ दबे पाँव - पदचाप नहीं 
चल मेरे मन होले होले .

क्या कर लेगी बेख़ौफ़ हवा 
सबसे अपना अपनापन है 
ये जीत हार सब व्यर्थ यार 
उड़ना केवल अपना प्रण है .

जो नहीं लड़ा वो हार गया 
हाथों से सब संसार गया .
सब उसको याद करेगे फिर 
जो उड़ा क्षितिज के पार गया .

जो डूब गया सो डूब गया 
जो तैरा उतरा पार गया .
माया का सागर भरा हुआ 
जो नहीं लड़ा वो हार गया .

मुर्दा नहीं जिन्दा हूँ मैं 
पर खुद पे शर्मिंदा हूँ मैं 
ऐ देश मेरे तू बता -
अब क्या करूं मैं .

सिर्फ शब्द ही - बयाँ नहीं होते 
ख़ामोशी भी बहूत कुछ कहती हैं .

सच तो सच है - छुपा नहीं सकते 
सच बात जुबां पर आ ही जाती है .
झूंठ तो झूंठ - चाहे जैसे भी कहो 
जुबां की चोरी नज़र बतला ही जाती है .

फिर किसी रोज़ कहेंगे - 
तुम्हें दिल का हाल .
आज बस मौन सा - 
रहने को चाहता है दिल .

लौट आये जो गए थे 
लेकर फ़रियाद . 
आज हाकिम ही फरियादी 
लगा ना जाने क्यों .

दिल भी तरसेगा 
यूँहीं अबके बरस 
मेघ घिर आयेगा 
बरसेगा नहीं 
अबके बरस .

ये दुनिया - 
गोल नहीं 
त्रिकोण हैं .
आमने सामने - 
हम तुम पर - 
उस त्रिभुज का 
वो तीसरा कौण 
आखिर कौन है .

ना ही कुछ चाहिए ना कोई 
मांगने की है दरकार -
तेरी चौखट पे आये हैं जरुर 
मगर भिखारी नहीं हैं यार .

तिनको से चिड़िया के घोंसले तो बनते हैं 
बड़े से शहतीर चाहिए देश घर बसाने को .
अब किसी और की दरकार कहाँ - 
एक ही पार्टी काफी है दिल जलाने को .

छलनी नौका कैसे तरनी 
बीच धार में डूब जायेगी 
जैस करनी वैसी भरनी .

अभी दहाड़ा है लेकिन ये 
काट कहीं हमे ना खाले 
अब भी कहता हूँ मैं अम्मा 
पिंजरे नए इजाद कराले .

सिंह शावक है वहीँ अडेगा 
निर्भय और निशंक लडेगा 
रोक नहीं अब सकता कोई 
जो मन भाये वही करेगा .

गंडे और ताबीज बना ले 
जो भी करना है तू करले 
जो भी खाना है तू खा ले 
तेरा बचना बड़ा कठिन है 
चाहे मोदी से पुछवा ले .

उमस भरी है रात बिताई
पुरवाई ना शीतल आई 
वायुमंडल ठहरा जैसे .
ताज़ा ताज़ा शनि गया है 
मंगलमय नवदिन हो कैसे .

कुछ भी मुझे कहो 
मैं बुरा मानता नहीं 
हर आदमी अब बेशर्म 
कहने लगा मुझे .

महंगाईयाँ बढती गयी 
महंगे हुए हैं दिल .
अब मुफ्त में -
दो दो के जमाने नहीं रहे .

ना सही फूल - 
काँटों का ही सृजन कर .
कल ये तेरे गुलशन के 
पहरुए कहलायेंगे 
आज प्रसव की - 
कुछ पीड़ा सहन कर . 





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