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Sunday, July 7, 2013

एक बात कहूं -

एक बात कहूं - 
छोडो चलो जाने दो . 
अब कह भी दो - यारा
गले में लफ्ज अटक जाते हैं 
उन्हें लबों तलक तो आने दो .

जो दिल में कैद बाते हैं 
अब उन्हें - खुलके 
बिखर जाने दो - जो आँखें 
कह रही हैं - प्यार है तुमसे 
चलो - अब इन्हें भी आजमाने दो .

गेसुओं में बदलियाँ हैं
बिजलियाँ - आज जीभर के
चमक जाने दो .
सूखे मुरझाये पड़े हैं ख्वाब -कई
इन्हें बारिश में और भीग जाने दो .

इतनी छोटी सी गुजारिश है
तुझसे मेरे खुदा .
महुब्बत गर - उन्हें 

हमी से है - ये बात यार -
जरा उनसे भी मनवाने दो .

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