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चोट लगती है फूल से भी यार
चोट लगती है फूल से भी यार फूल पत्थर की तरह फैंको मत सुर नहीं साज नहीं आवाज़ नहीं अब यूँ गधों की तरह रेंकों मत . जिनावर ...
तेरे इनकार में दम है .
किसीकी जात में दम है - किसीकी पांत में दम है. किसीकी दौलते चलती किसीके हाथ में दम है . ना तेरे प्यार में दम है ना मेरे प्यार में...
(no title)
आँधियों के दौर हर मंज़र उदास है - बचने की भला अब किसको आस है अंजाम से डरे हुए कुछ लोग तो मिले अंजाम बदल दें मुझे उसकी तलाश है .
Monday, July 29, 2013
वतन मिटटी नहीं होता
वतन मिटटी नहीं होता
वतन सोना नहीं होता
कहीं हँसना नहीं मिलता
कहीं रोना नहीं होता .
सेज फूलोंकी मिल जायेगी
माना हमने ये लेकिन
मगर कम देश की मिट्टी
का बिछौंना नहीं होता .
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