Popular Posts
नए साल की नयी कहानी
नए साल की नयी कहानी मैंने सुनी न तूने जानी -क्या करना है हमको प्यारे - तेरी मेरी एक जुबानी क्या ले लेगी हमसे यारो ये महंगाई -जियें म...
मन को उन्मुक्त छोड़ दो
मन को उन्मुक्त छोड़ दो इसे किसी भी दिशा में जाने दो . दसों दिशाओं में यूं ही चक्कर लगाने दो . जबरन -हठात कैद मत करो जो जाता है -उसे ...
अब ऐसी भी क्या जल्दी
अब ऐसी भी क्या जल्दी - किश्तों में धीरे धीरे मरते हैं . जीना कोई मजाक नहीं है - यार जाने दो - टुकड़ों में ही सही हर पल आत्महत्या करते ...
Saturday, July 20, 2013
जल जायेगी जो लंका है
लहरे उठती हैं गिरती हैं
तूफानों की आशंका है .
कोई तो राम कहायेगा .
ना शक ना कोई शंका है .
सुतपवन कोईतो आएगा .
जल जायेगी जो लंका है .
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment