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Monday, March 28, 2011

कभी - कभी मन की बात

कभी - कभी
मन की बात -
दिल के हालात ,
कहना कठिन हो जाता है .

सपने बुनना -आसान है
उनमे रंग भरना -कठिन .
इन्हें रंगीन करते करते -
कभी कभी स्वयं इंसान ,
कितना रंगहीन रह जाता है .

उम्र के ढलान पर -चेहरे
के रंग -रूप को खा जाती हैं-
नक़्शे सी बनी गहरी रेखाएं .

आँखों में इंतज़ार-
बाकी रह जाती है -मौत
की आहटें जाने कान में
क्या कह जाती हैं .

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