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Thursday, March 24, 2011

जो रुक नहीं रहे तो उन्हें बह जाने दे

जो रुक नहीं रहे तो उन्हें बह जाने दे -
आँखों में खारे नहीं -खून के आंसू आने दे .

जलजलों से डरना -स्वभाव नहीं सागर का ,
तट की ओर से कुछ  तेज हवा आने दे .

छुप गए हैं -उन्हें ढून्ढ मत ,यूँ ही छुप जाने दे ,
वो नया है तो क्या -अंदर तशरीफ़ तो लाने दे .

किनारे पे मछलीयाँ - नहीं मिलती अब तो ,
मांझी से कहो - नाव इन्हें दूर तक घुमाने दे .

ये तेरे पास भी नहीं  - और मैं भी ख़ाली हूँ ,
लाल रंग है- तू मैं ना सही किसी पर भी लगाने दे .

ये खंडहर पहले ही बूढ़ा था -और जर्जर हो चला  ,
एक लात और- मेरी तरफ से भी तो लगाने दे .
 
ठंडी हवाओं के दौर बीते  - जमाना हो चला   ,
ऐ .सी कूलर ना सही ,पंखा तो अब चलाने दे .

सभी की सुन चूका तू -बात है ये ठीक तो लेकिन ,
ये आज की लिखी कविता मुझे भी तो सुनाने दे . 

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