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नए साल की नयी कहानी
नए साल की नयी कहानी मैंने सुनी न तूने जानी -क्या करना है हमको प्यारे - तेरी मेरी एक जुबानी क्या ले लेगी हमसे यारो ये महंगाई -जियें म...
मन को उन्मुक्त छोड़ दो
मन को उन्मुक्त छोड़ दो इसे किसी भी दिशा में जाने दो . दसों दिशाओं में यूं ही चक्कर लगाने दो . जबरन -हठात कैद मत करो जो जाता है -उसे ...
अब ऐसी भी क्या जल्दी
अब ऐसी भी क्या जल्दी - किश्तों में धीरे धीरे मरते हैं . जीना कोई मजाक नहीं है - यार जाने दो - टुकड़ों में ही सही हर पल आत्महत्या करते ...
Tuesday, May 7, 2013
चल खेलें - ता था थैया जी .
ओ बर्गरजी - ओ पीजाजी
हे दीदी जी - ओ जीजाजी .
ओ भैया जी - हे मैया जी .
डूबे चुनाव में नैया जी
चल खेलें - ता था थैया जी .
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