सच को सच -
कहने से डरते हो .
ये कैसे 'सत्य के ईश' हो
बकरे हो की कसाई हो
अरे यार तुम तो -
कांग्रेसी भाई हो .
लिखते हो - और
चाहते हो की बदल जाए -
देश दुनिया जहांन .
पहले अपने घर को तो
ठीक से बदल लो श्रीमान .
बाद मे गली महुल्ले
नगर देश दुनिया की
बात करना - उनकी
चिंता में - बाद में
दुबले होना और मरना .
कहने से डरते हो .
ये कैसे 'सत्य के ईश' हो
बकरे हो की कसाई हो
अरे यार तुम तो -
कांग्रेसी भाई हो .
लिखते हो - और
चाहते हो की बदल जाए -
देश दुनिया जहांन .
पहले अपने घर को तो
ठीक से बदल लो श्रीमान .
बाद मे गली महुल्ले
नगर देश दुनिया की
बात करना - उनकी
चिंता में - बाद में
दुबले होना और मरना .
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