Popular Posts

Sunday, May 26, 2013

क्षणिकाएँ

जब शिशु सपने - 
कम उम्र में गुजर जाते हैं .
युवा स्वप्न आत्महत्या कर जाते हैं .
उस दिन जिस्म तो जिन्दा होता है  
पर दिल हमारे मर जाते हैं . 

मारने से इरादे नहीं मरा करते 
हरे हो जाते हैं ठूंठ भी बहारों में .

भौर होते ही - 
सुला देता हूँ .
दिन में सपनो का -

जागना अच्छा नहीं होता .

गिरा है वो - चाहे किसी का है 
फिर भी ये लहू आदमी का है .

सभी तो खुदके जैसे लगते हैं 
सभी होते हैं अलेहदा जुदा - 
कोई किसी के जैसा नहीं होता .

सोचना है - सोचना क्या 
जो नहीं लड़ते कभी 
वो सोचते हैं .

अभी आये नहीं 
जाने की जिद - और 
फिर फिर लौटकर आना .
सँभलने दो जरा साँसे -
जरा ठहरो चले जाना .

नदी तुम बहती क्यों हो 
निरापद - बेसबब 
निर्बाध - गति से 
कभी रूकती क्यों नहीं - 
आज नहीं - तो 
कल कल कहती क्यों हो .

वो समय का घोडा - 
थका - रुका पलको   
फिर सरपट दौड़ा .

ऐ मेरे दिल तू चल यहाँ कोई नहीं तेरा 
जिससे भी पूछता है वही कह रहा मेरा 
ना जाने किसका है अभी ये कह नहीं सकता .
उसकी तलाश है - जो मेरे बिन रह नहीं सकता .

यही दुआ है बस - उनसे कभी सामना ना हो 
मिल जाए भी तो दिलमें कोई कामना ना हो .

उस कपूत का क्या करें जो 
परिवार को रसातल में ले जाए
उस परिवार का क्या करें 
जो देश को रसातल में ले जाए .

आस्मांनी आफताब की औकात नहीं थी 
रुख से जो हटा पर्दा तो नजर आया चाँद 
बेपनाह हुस्न की ताब से शरमाया चाँद .
हर तरफ शौर मचा लो निकल आया चाँद .


जीना बहूत जरुरी है
मरना भी मजबूरी है
जीने मरने में यारो
अक्षर भर की दूरी है .
आओ यारो साथ चलें
साथ चलें तो बात चले
उनकी चले जुबान अगर
अपने दोनों हाथ चलें .

खेत गए खलिहान गए बोये सारे धान गए अब्बा यूएस से आये बाकी पाकिस्तान गये अम्मा यारो साफ़ बची - मनमोहन के प्राण गए 
हिन्दुस्तानी माने ना मगर  बिदेसी मान गए .

बाबा आदम की बाते
मुर्दा जिन्दा लगता है .
गांधी गांधी चिल्ला कर
जिन्दों को भी ठगता है .

तदबीर बहूत की पर -
तकदीर निराली थी
अपनी तो यार झोली
खुशियों की बात छोडो
ग़मों से भी खाली थी .


दुश्मन कोई और नहीं
मेरी 'मैं' और तेरी 'तू '
(झगडा सारा मिट जाए )
तेरी मैं हो मेरी मैं
मेरी मैं हो तेरी तू .



ॐ 'नमो' की जय जयकार
उगते सूरज को नमस्कार
कोई अमर नहीं सब जायेंगे
कर डुबों का अंतिम संस्कार .



ना लाल रहा ना
कृष्ण कहीं .
अब याद नहीं - 
कुछ बात कहीं -
देखि हमने
जो बात यहीं .
उन मोदीजी को
नमस्कार .



बुझे हुए बाणों से
जंग लगी क्रिपाणों से
जंग जीती नहीं जाती
गलत निशानों से .



तुझे तो यार जाना था -
मोदी तो बस बहाना था .


मोदी बैरी हो गया
नहीं हुई तकरार .
एक मिनट में हो गया
इस्तीफे से प्यार .






No comments:

Post a Comment