बहूत हुआ देश प्रेम प्यार
चलो व्यवहार की बातें करें
तिकड़म जुगाड़ की बाते करें .
अक्षय भण्डार - और
स्विस बैंकों के आकार
प्रकार की बातें करें .
ये मोदी वोदी कौन है जी -
देश वेश चिल्लाने से
कुछ नहीं होना -
सोनिया से एक अद्दद
सीट के इसरार की बाते करें .
जो टिकाऊ है - वही रहता है
ये विपक्ष का जुगाडू तंत्र
कच्चे घर जैसा - हर बरसात में
टपकता - ढहता है .
अपनी प्यारी कांग्रेस का
किला तो - मजबूत अभेद
हर शताब्दी में था - और
जन्म जन्मान्तरों तक रहता है .
गधे हैं जो चिल्लाते - हैं
अरे किसी का हक़ नहीं - बस
अपना कमीशन ही तो खाते हैं .
नित नए फंडे सोचते - और
जबरन लागू कराते हैं - तभी
घर चलता है - लोग तो बेकार ही
धरने देते - आन्दोलन चलाते हैं .
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