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Wednesday, May 22, 2013

बहूत हुआ देश प्रेम प्यार

बहूत हुआ देश प्रेम प्यार 
चलो व्यवहार की बातें करें
तिकड़म जुगाड़ की बाते करें .
अक्षय भण्डार - और  
स्विस बैंकों के आकार 
प्रकार की बातें करें .

ये मोदी वोदी कौन है जी - 
देश वेश चिल्लाने से 
कुछ नहीं होना  -
सोनिया से एक अद्दद 
सीट के इसरार की बाते करें .

जो टिकाऊ है - वही रहता है
ये विपक्ष का जुगाडू तंत्र 
कच्चे घर जैसा - हर बरसात में 
टपकता - ढहता है .
अपनी प्यारी कांग्रेस का 
किला तो - मजबूत अभेद 
हर शताब्दी में था - और 
जन्म जन्मान्तरों तक रहता है .

गधे हैं जो चिल्लाते - हैं 
अरे किसी का हक़ नहीं - बस 
अपना कमीशन ही तो खाते हैं .
नित नए फंडे सोचते - और 
जबरन लागू कराते हैं - तभी 
घर चलता है - लोग तो बेकार ही 
धरने देते - आन्दोलन चलाते हैं .


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