अल्लाह भी करतार है - ईश्वर भी करतार
किसी नाम से पूजले -फर्क कहाँ है यार .
सारी दुनिया जीत ले - दुश्मन को दे मार
बहूत कठिन है जीतना - खुद को मेरे यार .
मो सम अज्ञानी बहूत - तेरे होंगे नाथ
पर मेरा तू एक है - छोड़ ना देना हाथ .
मैं भी उसका मित्र हूँ - 'वो' भी मेरा यार
जब दोनों मिल जायेंगे - खूब बढेगा प्यार .
प्रेम करो निर्भय मना - कैसो करे विचार
माया सारी झूठ है - प्रेम ही जग को सार .
प्रेम बिना सूना जहाँ - करो हरी से प्यार
प्रेम बिना रीझे नहीं - अपना वो करतार .
सारी माया रामकी - लिपटी चारों ओर
सुलझेगा कैसे सखा - नहीं मिलेगा छोर .
सारी माया राम की - मांगों प्यारे राम
माया छलनी जात है - हरी आयेंगे काम .
माया तो मिल जायेगी - नहीं मिलेगा नाथ
उसका मिलना कठिन है वो कब आवे हाथ .
सीधे सीधे माँगना - बड़े शर्म की बात
दाता को ही मांगले - वो सब लायें साथ .
अम्बर में घनश्याम हैं जलमे भी घनश्याम
मेरे प्रभु गोपालजी हैं चहुदिश जिनके धाम .
लक्ष्मी का क्या मांगना - माया झूठी बात
मायापति को मांग ले - भार्या आये साथ .
प्रेम कभी कीजे नहीं - जीवन में तुम यार
अपनी छोटी गुदद्दी - जमकर पैर पसार .
पर आशा कीजे नहीं - बिगड़े बनती बात
बिन स्वारथ सींचे नहीं माली दरख्त पात .
प्रेम पराया पाहुना - भौर हुए उड़ जाए
परजीवी ये जात है - रोये और रुलाये .
तेरी मेरी प्रीत तो - टूट जुड़े सौ बार .
सबके अपने तीर हैं - सबकी अपनी धार .
तन का जोगी जोगडा - मनसे बनते सिद्ध
तन मर जाए एक दिन नोचें चील और गिद्ध .
तनमन झुलसा जात है - लख सौतन संग तोय
बता सखा वो मन्त्र तू - जो हरी को प्रिय होय .
तन का कैसा भीगना - सूखे मन के खेत
चौमासे के बाद फिर - वही रेत की रेत .
बड़े प्रेम से मिल रहे - दुर्योधन ओर कंस
बहुविधि प्रेम दिखा रहे बगुलाधारी हंस .
नौ निध बारह सिद्ध हैं पर तेरे कब होंए
जा दिन 'वाको' होयेगो - सारे तेरे होंए.
पत्थर तरना कठिन है - ये सागर की रीत
रामनाम के लेख से - जल भी करता प्रीत .
मरजाना ये जीवड़ा - जल जाएँ सब अंग
फिर कैसा ये मोह है - फिर ये कैसी जंग .
मगन भया संसार में - माया चारों ओर
ढूंढ ढूंढके मर गए - मिला ना दूजा छोर .
साधू को सोहे नहीं - चूल्हा तवा परात .
हरी की पूंजी बहूत है - वो जाएगी साथ .
सुख का भी क्या भोगना - कहें फकीरी बात
जितना लम्बा दिन भया - उससे लम्बी रात .
करना तेरे हाथ है - देना उसके हाथ
संघर्षों से ना डरो - सौ बातों की बात .
गन्दी गाली बन गयी राजनिति चहुँ और
करें दलाली भांड अब - सत्ता के सब चोर .
जीभर बांटों प्रेम को - नहीं किसी से रार
ये तेरा दुश्मन नहीं - वो भी तेरो यार .
लड़ते आये देश हैं - मरती आई फ़ौज
अमेरिका जैसी नहीं- किसी की मौज .
गिरने से ना डर मना - गिरती बारम्बार
फिर भी लगी दीवार पर चींटी की कतार .
मरना पक्का है मगर , जीने की कर बात
आएगी जब आएगी - फिर क्यों देखे बाट .
मंदिर में मिलता नहीं - मस्जिद में भी नाहीं
ढूंढा सब संसार पर - मन में खोजा नाही .
नहीं रहना संसार में - अब क्या सोचो नाथ
बिनती मेरी मान ले - ले चल अपने साथ .
किसी नाम से पूजले -फर्क कहाँ है यार .
सारी दुनिया जीत ले - दुश्मन को दे मार
बहूत कठिन है जीतना - खुद को मेरे यार .
मो सम अज्ञानी बहूत - तेरे होंगे नाथ
पर मेरा तू एक है - छोड़ ना देना हाथ .
मैं भी उसका मित्र हूँ - 'वो' भी मेरा यार
जब दोनों मिल जायेंगे - खूब बढेगा प्यार .
प्रेम करो निर्भय मना - कैसो करे विचार
माया सारी झूठ है - प्रेम ही जग को सार .
प्रेम बिना सूना जहाँ - करो हरी से प्यार
प्रेम बिना रीझे नहीं - अपना वो करतार .
सारी माया रामकी - लिपटी चारों ओर
सुलझेगा कैसे सखा - नहीं मिलेगा छोर .
सारी माया राम की - मांगों प्यारे राम
माया छलनी जात है - हरी आयेंगे काम .
माया तो मिल जायेगी - नहीं मिलेगा नाथ
उसका मिलना कठिन है वो कब आवे हाथ .
सीधे सीधे माँगना - बड़े शर्म की बात
दाता को ही मांगले - वो सब लायें साथ .
अम्बर में घनश्याम हैं जलमे भी घनश्याम
मेरे प्रभु गोपालजी हैं चहुदिश जिनके धाम .
लक्ष्मी का क्या मांगना - माया झूठी बात
मायापति को मांग ले - भार्या आये साथ .
प्रेम कभी कीजे नहीं - जीवन में तुम यार
अपनी छोटी गुदद्दी - जमकर पैर पसार .
पर आशा कीजे नहीं - बिगड़े बनती बात
बिन स्वारथ सींचे नहीं माली दरख्त पात .
प्रेम पराया पाहुना - भौर हुए उड़ जाए
परजीवी ये जात है - रोये और रुलाये .
तेरी मेरी प्रीत तो - टूट जुड़े सौ बार .
सबके अपने तीर हैं - सबकी अपनी धार .
तन का जोगी जोगडा - मनसे बनते सिद्ध
तन मर जाए एक दिन नोचें चील और गिद्ध .
तनमन झुलसा जात है - लख सौतन संग तोय
बता सखा वो मन्त्र तू - जो हरी को प्रिय होय .
तन का कैसा भीगना - सूखे मन के खेत
चौमासे के बाद फिर - वही रेत की रेत .
बड़े प्रेम से मिल रहे - दुर्योधन ओर कंस
बहुविधि प्रेम दिखा रहे बगुलाधारी हंस .
नौ निध बारह सिद्ध हैं पर तेरे कब होंए
जा दिन 'वाको' होयेगो - सारे तेरे होंए.
पत्थर तरना कठिन है - ये सागर की रीत
रामनाम के लेख से - जल भी करता प्रीत .
मरजाना ये जीवड़ा - जल जाएँ सब अंग
फिर कैसा ये मोह है - फिर ये कैसी जंग .
मगन भया संसार में - माया चारों ओर
ढूंढ ढूंढके मर गए - मिला ना दूजा छोर .
साधू को सोहे नहीं - चूल्हा तवा परात .
हरी की पूंजी बहूत है - वो जाएगी साथ .
सुख का भी क्या भोगना - कहें फकीरी बात
जितना लम्बा दिन भया - उससे लम्बी रात .
करना तेरे हाथ है - देना उसके हाथ
संघर्षों से ना डरो - सौ बातों की बात .
गन्दी गाली बन गयी राजनिति चहुँ और
करें दलाली भांड अब - सत्ता के सब चोर .
जीभर बांटों प्रेम को - नहीं किसी से रार
ये तेरा दुश्मन नहीं - वो भी तेरो यार .
लड़ते आये देश हैं - मरती आई फ़ौज
अमेरिका जैसी नहीं- किसी की मौज .
गिरने से ना डर मना - गिरती बारम्बार
फिर भी लगी दीवार पर चींटी की कतार .
मरना पक्का है मगर , जीने की कर बात
आएगी जब आएगी - फिर क्यों देखे बाट .
मंदिर में मिलता नहीं - मस्जिद में भी नाहीं
ढूंढा सब संसार पर - मन में खोजा नाही .
नहीं रहना संसार में - अब क्या सोचो नाथ
बिनती मेरी मान ले - ले चल अपने साथ .
नेता नेता सा नहीं - नायक के नहीं योग
बीच कढाई बैठकर - लेवे सारे भोग .
जीतेगा कोई नहीं - सभी गए हैं हार
चाहे अनशन बैठ ले - चाहे ठानो रार .
चाहे अनशन बैठ ले - चाहे ठानो रार .
रावण ज़िंदा है अभी - नहीं मरा है कंस
अब स्वदेसी राज भी लगने लगा कलंक .
अब स्वदेसी राज भी लगने लगा कलंक .
रै बटेऊ सालभर में - और किन्ना खा लेगी
या खाऊ पिऊ सरकार तो अयाँ ही चालेगी .
(बटेऊ = दामाद , अयाँ = ऐसे ही )
या खाऊ पिऊ सरकार तो अयाँ ही चालेगी .
(बटेऊ = दामाद , अयाँ = ऐसे ही )
चक्रव्यूह में जा फंसे ना अंदर ना बाहर
मोह बसा है पार्थ में - कैसे करे प्रहार .
मोह बसा है पार्थ में - कैसे करे प्रहार .
थककर सबने रख दिए - अपने अपने तीर
वोटों से कब बदलती - भारत की तकदीर .
वोटों से कब बदलती - भारत की तकदीर .
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