कहीं कोई तो है हवाओं में
कोई तूफ़ान सा है राहो में .
ऐ मेरे दिल जरा बचके निकल
किसी का दर्द है इन आहों में .
वो जो चिलमन को हटायें तो ग़ज़ल होती है .
आज बीते से बिताया नहीं जाता यारो -
जुल्फ चेहरे से वो हटायें तो आज से कल होती है .
वहीँ रूक जाना - यार वही है मकसदे मंजिल
किसी का जीत लो या - हार जाओ अपना दिल .
इतनी पास है दिलके -
फिर भी छू नहीं सकता .
डर है - रंग छुट ना जाए कहीं
यादों की तितलियों के पंख -
बहूत नाजुक होते हैं यार .
दुखी क्यों आखिर - अंधेरों से क्यों डरता है
सुख की सुबह - के लिए क्यों नहीं लड़ता है .
कल किसने देखा है कल किसने जाना है
कल आने का बहाना तो - पुराना बहाना है .
जिस्म की मौत है लेकिन
ये मन और आत्मा तो अमर है
वही तो असली निवासी है -यार
जिस्म तो उसका अस्थाई घर है
आज जो हाथ में है -
आज मेरे सामने है .
कल की छोड़ - कितने
छूटने हैं साथ - और
कितने हाथ थामने हैं .
अँधेरे - शाश्वत नहीं होते
हर रोज सुबह होनी ही है .
कहीं नहीं जाती - दिल के करीब
आज भी - रहती हैं वो तेरी यादें .
हर घडी उजाले अच्छे नहीं - रात को होना भी है .
थक जाती हैं आशाएं - उन्हें पलभर सोना भी है .
वो इतनी ढीठ है - तुमको बता नहीं सकता
साए सी है - छोड़कर कहीं जा नहीं सकता .
गहराइयाँ मन की बहूत गहरी हैं
पैमानों से नापी नहीं जाती .
प्रेम असीम हैं - क्षितिज की तरह
जिसकी ऊँचाइयाँ आंकी नहीं जाती .
अन्धकार का राक्षस -
समूची जमीं खा गया
आस्मां निगल गया .
अरे वही 'कल' जो -
अभी अभी 'कल' गया .
जब दुःख - सिर्फ दुःख होते हैं
तेरे मेरे नहीं होते -
फिर ये तेरे सुख व्यक्तिगत
कैसे हो गए भाई -
कुछ समझे - क्या बबुआ
हमें तो ये बात समझ में नहीं आई .
कल्पना की मोहिनी सी -
एक मधुरिम हास हो तुम .
परिणति या एक नव आगाज हो तुम -
मुखर हो या मौन हो तुम -
सच बताओ रूपसी - कौन हो तुम .
एक सागर एक नाव - एक सोच एक भाव
हम अलग नहीं - यार एक से ही लगते हैं .
वो बरसते हैं तो सैलाब उमड़ आते हैं
जरा धीरे बरसते तो प्यास बुझ जाती .
जमीं और आस्मां - सारा जहाँ
बिन तेरे - इन्हें लेकर जाऊँगा कहाँ .
मेरे रोने के माने कुछ नहीं -
वो मुस्कुरा दें तो ग़ज़ल होती है .
देख कर दिल में तेरे इतना प्यार
मैं गया ही कहाँ था - यही था यार .
वो भूत था - विगत था
गुजर ही गया - लेकिन
इस कशमकश में - मेरा
आज जाने किधर गया .
ढून्ढ लो राम को - जो वध करे दशानन का
फिर उसके बाद दशेहरा मनाया जाएगा .
पूर्ण आहुति विजयदशमी होगी उसी दिन
ना सही आज - एक दिन तो जरुर आएगा
तेरा मेरा बस एक सा फ़साना है - साथ
इक दिल ही नहीं - बाकी तो जमाना है .
मेरे अफ़साने में उसका भी जिक्र आएगा
उसकी बातों पर जो जरा भी मुस्कुराएगा .
लुटाके दिल - भी मालामाल हैं हम
दिल बिना - कौन से कंगाल हैं हम .
मेरी नजरें को वो जाने कैसे पढ़ लेती है
जिसने कभी स्कूल की सूरत नहीं देखी.
सदा सी गूंजती है हवाओं में
खनक थी चूड़ियों की बाहों में .
दिल मेरा बार बार - कहता है
चल उसी हूर की पनाहों में .
कह देने से कोई बेचारा नहीं होता
मान लेने से कोई हमारा नहीं होता .
बड़ी अजीब शै 'मैं' - है मेरे यार
मैं ही रहता है - कभी तुम्हारा नहीं होता .
गए जो भूल - उनको याद करना क्या
बेवफाओं के लिए सोच यार मरना क्या .
बेखबर लोग सो गए अपनी ख्वाबगाहों में
चुपके से तुम चले आओ मेरी पनाहों में .
किसीकी क्या मजाल तुमको छू नहीं सकता
देखूं - हवाएं कैसे भरती हैं तुम्हें बाहों में .
हजार बातें सेंकडों दुःख सुख
जो मिल बैठ तुम्हें सुनाने हैं .
किसी रोज - यार फुर्सत में
हमसे कभी मिलो तो सही .
जिन्दगी का - परीक्षा से नहीं कोई मेल
यहाँ तो सीधे पास या फिर डाइरेक्ट फेल .
(री-अपिअर या कम्पार्टमेंट की कोई गुंजाइश नहीं)
उनकी पेशानियों पे बल हैं अभी
लगता है नाराज़ अभी तक हैं वो .
मनाना यूँ तो कठिन लगता है -
फिर भी - कुछ तो कौशिश करो .
फिर उसी दर पे अपनी किस्मत आजमाने आये हैं
उन्हें क्या - हमतो खुदको - खुद से मनाने आये हैं .
मैं वापिस लौट भी आता - जो पुकारा होता
मुझे पता है तुमको मेरा साथ गवारा होता .
निकाल कर दिल से पूछते हो - कहाँ जाओगे
जहाँ जाओगे - हैरान ना हो हमको वहीँ पाओगे .
स्मृतियों के पात पीले पड गए
तितलियों के पंख सारे झर गए .
कोई तूफ़ान सा है राहो में .
ऐ मेरे दिल जरा बचके निकल
किसी का दर्द है इन आहों में .
वो जो चिलमन को हटायें तो ग़ज़ल होती है .
आज बीते से बिताया नहीं जाता यारो -
जुल्फ चेहरे से वो हटायें तो आज से कल होती है .
वहीँ रूक जाना - यार वही है मकसदे मंजिल
किसी का जीत लो या - हार जाओ अपना दिल .
इतनी पास है दिलके -
फिर भी छू नहीं सकता .
डर है - रंग छुट ना जाए कहीं
यादों की तितलियों के पंख -
बहूत नाजुक होते हैं यार .
दुखी क्यों आखिर - अंधेरों से क्यों डरता है
सुख की सुबह - के लिए क्यों नहीं लड़ता है .
कल किसने देखा है कल किसने जाना है
कल आने का बहाना तो - पुराना बहाना है .
जिस्म की मौत है लेकिन
ये मन और आत्मा तो अमर है
वही तो असली निवासी है -यार
जिस्म तो उसका अस्थाई घर है
आज जो हाथ में है -
आज मेरे सामने है .
कल की छोड़ - कितने
छूटने हैं साथ - और
कितने हाथ थामने हैं .
अँधेरे - शाश्वत नहीं होते
हर रोज सुबह होनी ही है .
कहीं नहीं जाती - दिल के करीब
आज भी - रहती हैं वो तेरी यादें .
हर घडी उजाले अच्छे नहीं - रात को होना भी है .
थक जाती हैं आशाएं - उन्हें पलभर सोना भी है .
वो इतनी ढीठ है - तुमको बता नहीं सकता
साए सी है - छोड़कर कहीं जा नहीं सकता .
गहराइयाँ मन की बहूत गहरी हैं
पैमानों से नापी नहीं जाती .
प्रेम असीम हैं - क्षितिज की तरह
जिसकी ऊँचाइयाँ आंकी नहीं जाती .
अन्धकार का राक्षस -
समूची जमीं खा गया
आस्मां निगल गया .
अरे वही 'कल' जो -
अभी अभी 'कल' गया .
जब दुःख - सिर्फ दुःख होते हैं
तेरे मेरे नहीं होते -
फिर ये तेरे सुख व्यक्तिगत
कैसे हो गए भाई -
कुछ समझे - क्या बबुआ
हमें तो ये बात समझ में नहीं आई .
कल्पना की मोहिनी सी -
एक मधुरिम हास हो तुम .
परिणति या एक नव आगाज हो तुम -
मुखर हो या मौन हो तुम -
सच बताओ रूपसी - कौन हो तुम .
एक सागर एक नाव - एक सोच एक भाव
हम अलग नहीं - यार एक से ही लगते हैं .
वो बरसते हैं तो सैलाब उमड़ आते हैं
जरा धीरे बरसते तो प्यास बुझ जाती .
जमीं और आस्मां - सारा जहाँ
बिन तेरे - इन्हें लेकर जाऊँगा कहाँ .
मेरे रोने के माने कुछ नहीं -
वो मुस्कुरा दें तो ग़ज़ल होती है .
देख कर दिल में तेरे इतना प्यार
मैं गया ही कहाँ था - यही था यार .
वो भूत था - विगत था
गुजर ही गया - लेकिन
इस कशमकश में - मेरा
आज जाने किधर गया .
ढून्ढ लो राम को - जो वध करे दशानन का
फिर उसके बाद दशेहरा मनाया जाएगा .
पूर्ण आहुति विजयदशमी होगी उसी दिन
ना सही आज - एक दिन तो जरुर आएगा
तेरा मेरा बस एक सा फ़साना है - साथ
इक दिल ही नहीं - बाकी तो जमाना है .
मेरे अफ़साने में उसका भी जिक्र आएगा
उसकी बातों पर जो जरा भी मुस्कुराएगा .
लुटाके दिल - भी मालामाल हैं हम
दिल बिना - कौन से कंगाल हैं हम .
मेरी नजरें को वो जाने कैसे पढ़ लेती है
जिसने कभी स्कूल की सूरत नहीं देखी.
सदा सी गूंजती है हवाओं में
खनक थी चूड़ियों की बाहों में .
दिल मेरा बार बार - कहता है
चल उसी हूर की पनाहों में .
कह देने से कोई बेचारा नहीं होता
मान लेने से कोई हमारा नहीं होता .
बड़ी अजीब शै 'मैं' - है मेरे यार
मैं ही रहता है - कभी तुम्हारा नहीं होता .
गए जो भूल - उनको याद करना क्या
बेवफाओं के लिए सोच यार मरना क्या .
बेखबर लोग सो गए अपनी ख्वाबगाहों में
चुपके से तुम चले आओ मेरी पनाहों में .
किसीकी क्या मजाल तुमको छू नहीं सकता
देखूं - हवाएं कैसे भरती हैं तुम्हें बाहों में .
हजार बातें सेंकडों दुःख सुख
जो मिल बैठ तुम्हें सुनाने हैं .
किसी रोज - यार फुर्सत में
हमसे कभी मिलो तो सही .
जिन्दगी का - परीक्षा से नहीं कोई मेल
यहाँ तो सीधे पास या फिर डाइरेक्ट फेल .
(री-अपिअर या कम्पार्टमेंट की कोई गुंजाइश नहीं)
उनकी पेशानियों पे बल हैं अभी
लगता है नाराज़ अभी तक हैं वो .
मनाना यूँ तो कठिन लगता है -
फिर भी - कुछ तो कौशिश करो .
फिर उसी दर पे अपनी किस्मत आजमाने आये हैं
उन्हें क्या - हमतो खुदको - खुद से मनाने आये हैं .
मैं वापिस लौट भी आता - जो पुकारा होता
मुझे पता है तुमको मेरा साथ गवारा होता .
निकाल कर दिल से पूछते हो - कहाँ जाओगे
जहाँ जाओगे - हैरान ना हो हमको वहीँ पाओगे .
आशा की रौशनी - जिन्दगी हूँ मैं
सभी मुझको नूरे अज़ल कहते हैं .
वो जो मेरे दिल के आईने में रहते हैं
उन्ही को तो यार ग़ज़ल कहते हैं .
मैं सफ़र में नहीं था - लेकिन
मेरे पांवों में एक सफ़र है यार
कहीं रूकेगा नाही ठहरेगा -कहीं
जिन्दगी भी तो एक सफ़र है यार .
मेरे पांवों में एक सफ़र है यार
कहीं रूकेगा नाही ठहरेगा -कहीं
जिन्दगी भी तो एक सफ़र है यार .
जिन्दगी का जरासा हेर फेर हूँ
काफिर हूँ पर मुक्कमल शेर हूँ .
काफिर हूँ पर मुक्कमल शेर हूँ .
हार जाना सभी बाजी तुम -
जिन्दगी दाव पर लगाना मत
हारकर भी जीत जाओगे - यार
बस मौत से हार जाना मत .
जिन्दगी दाव पर लगाना मत
हारकर भी जीत जाओगे - यार
बस मौत से हार जाना मत .
कबर पर फातिया पढ़ ले
ग़ज़ल या गुनगुना कोई .
मरे सुनते नहीं - यारो
और जिन्दा लोग बहरे हैं .
ग़ज़ल या गुनगुना कोई .
मरे सुनते नहीं - यारो
और जिन्दा लोग बहरे हैं .
कपडे बदलने से क्या सूरतें बदलती हैं
बदलना है तो सीरत को बदल दो यार .
बदलना है तो सीरत को बदल दो यार .
वही बासी सी सूरत -
जो बदलते रोज़ चहरे हैं .
खुदा जाने - या वो जाने
हम अंधे हैं की बहरे हैं .
जो बदलते रोज़ चहरे हैं .
खुदा जाने - या वो जाने
हम अंधे हैं की बहरे हैं .
जो बह जाते तो अच्छा था
ये जालिम बह नहीं पाए .
अभी भी दर्द है दिल में
जो तुमसे कह नहीं पाए .
ये जालिम बह नहीं पाए .
अभी भी दर्द है दिल में
जो तुमसे कह नहीं पाए .
फकीरी ओढ़ ली मन ने
ये कैसे तुमको समझाएं
कोई है ही नहीं दिल में
किसे कह दूं - चले आयें .
ये कैसे तुमको समझाएं
कोई है ही नहीं दिल में
किसे कह दूं - चले आयें .
ना तेरी थी ना मेरी थी -
ये दुनिया जाने किस की थी .
हमारे बीच ना जाने -
ये कैसे आ गयी यारो .
ये दुनिया जाने किस की थी .
हमारे बीच ना जाने -
ये कैसे आ गयी यारो .
जमे क्या पाँव - कीचड़ में
जहाँ मिटटी है पानी है
सफलता माप कर मिलती है
ये दुनिया की बयानी है .
जहाँ मिटटी है पानी है
सफलता माप कर मिलती है
ये दुनिया की बयानी है .
मेरी भी पीर गूंगी है -
तेरी चुप भी जुबानी है
ना मैं कोई - किस्सा हूँ
ना तू कोई कहानी है .
तेरी चुप भी जुबानी है
ना मैं कोई - किस्सा हूँ
ना तू कोई कहानी है .
रात की कालिमा - गयी
पौ फटी - हुई भौर .
सुबह की लालिमा -
आकाश में परिंदों का शोर .
हसरतें जागने लगी - फिर
चलें उस ओर - जहाँ मिल जाए
कहीं क्षितिज का खोया छोर .
पौ फटी - हुई भौर .
सुबह की लालिमा -
आकाश में परिंदों का शोर .
हसरतें जागने लगी - फिर
चलें उस ओर - जहाँ मिल जाए
कहीं क्षितिज का खोया छोर .
चाँद और चकोर सा देवयोग बना रहे
हर पल हर क्षण इकदूजे का साथ हो
यही दुआ है मेरी दिल से ऐ दोस्त -
कभी ना हो जुदाई - सदा हाथों में हाथ हो .
हर पल हर क्षण इकदूजे का साथ हो
यही दुआ है मेरी दिल से ऐ दोस्त -
कभी ना हो जुदाई - सदा हाथों में हाथ हो .
जो मैं से बाहर आ गया
उसने 'उसे' पा लिया -वर्ना
तेरा मेरा - से क्या हासिल
जो मिला हथिया लिया .
पर हाथ रहे फिर भी खाली -
जब उसके सामने खड़ा होगा -
तू यार बनके सवाली .
उसने 'उसे' पा लिया -वर्ना
तेरा मेरा - से क्या हासिल
जो मिला हथिया लिया .
पर हाथ रहे फिर भी खाली -
जब उसके सामने खड़ा होगा -
तू यार बनके सवाली .
अपनी रूमानियत कम कर - यार
वर्ना तेरी आजादी पे आंच आएगी .
इक अकेली वफ़ा का क्या करिए
पूरी दुनिया तो तेरी छिन जायेगी .
वर्ना तेरी आजादी पे आंच आएगी .
इक अकेली वफ़ा का क्या करिए
पूरी दुनिया तो तेरी छिन जायेगी .
प्यार इसरारे वफ़ा का - क्या कीजे
दो दिन के तमाशे की सजा काफी है .
दो दिन के तमाशे की सजा काफी है .
जब तलक मैं हूँ तो तू है वर्ना - जिन्दगी
काल के हाथ इक दिन तू छली जायेगी .
काल के हाथ इक दिन तू छली जायेगी .
स्मृतियों के पात पीले पड गए
तितलियों के पंख सारे झर गए .
वेदना ऐसी लिखी इतिहास ने
वक्त से पहले इरादे - मर गए .
वक्त से पहले इरादे - मर गए .
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