Popular Posts

Tuesday, October 30, 2012

चाहता हूँ लिखना - ग़ज़ल

चाहता हूँ लिखना - ग़ज़ल 
प्यार या प्यार के अहसास पर .
जो मेरे पास हैं - या उस
दूर के विश्वाश पर .

पर ऐसा नहीं होता - यार 
जो दूर है - दूर ही रह जाता है 
कभी पास नहीं आता .
दूर की चीज पर - जल्दी से 
विश्वास नहीं आता .

जो मेरे हाथ में है - पास है
वही मेरी जमा पूंजी -
सम्पूर्ण विश्वास है -
किसी के लिए कुछ और सही -
पर मेरे लिए तो वही
बस खासम - ख़ास है .

No comments:

Post a Comment