कौन हो तुम - सोचता हूँ
वार्ता या मौन हो तुम .
प्रणय का मीठा स्पंदन -
या विरह का कोण हो तुम .
आज मेरे साथ हो तुम
हौसला विश्वाश हो तुम
वार्ता या मौन हो तुम .
प्रणय का मीठा स्पंदन -
या विरह का कोण हो तुम .
आज मेरे साथ हो तुम
हौसला विश्वाश हो तुम
बालमन सा खिलखिलाता
एक मधुरिम हास्य हो तुम .
एक अनबुझ प्यास हो तुम
अधखिली सी आस हो तुम .
दूरियां लेकिन बहूत हैं -
वैसे दिल के पास हो तुम .
एक मधुरिम हास्य हो तुम .
एक अनबुझ प्यास हो तुम
अधखिली सी आस हो तुम .
दूरियां लेकिन बहूत हैं -
वैसे दिल के पास हो तुम .
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