सवाल और भी हैं जो दे सको जवाब -पर
तेरी मजबूर निगाहें कुछ पूछने नहीं देती .
वक्त के संग कदम मिला के चल -यार
नाटके -ऐ-जिन्दगी में रि-टेक नहीं होते .
कहते हैं परछाइयों के चहरे नहीं होते
दाग कितने लगें - पर गहरे नहीं होते .
आके मस्जिद में रहे तो खुदा है यार
मंदिर में रहे तो क्या खुदा ना हुआ .
सच मैं हिन्दू हूँ मुसलमान भी हूँ
रामायण हूँ राम की कुरान भी हूँ .
आरती हूँ - सुबह की अज़ान भी हूँ
फ़क्त आदमी नहीं - इंसान भी हूँ .
जो तेरा है वही तो मेरा है - यार
बाकी ये धर्म तो बखेड़ा है यार .
फ़क्त इंसान बने रहने से होता क्या है
फरिश्तों से होड़ ले तो कोई बात बने .
हरेक पल का पूरा मज़ा ले प्यारे
ना जाने कौन सा हो आखिरी पल .
मंजिल ही नहीं होती सब कुछ यार
राह के नजारों को भी देखता चल .
हुकूमत का हाल देख - वापिस आ गए
संसदीय मकान से अपना घर अच्छा है .
इश्क प्यार ने हमें - कुछ इस कदर ठगा
बना जब पंचनामा - हाथ कुछ नहीं लगा .
आंधी की तरह आये - तूफां से निकल गए
पत्ते टहनी क्या - वृक्ष जड़ समेत हिल गए
या खुदा वो ही क्यों - हम क्यों ना हुए
महूब्ब्त में अक्सर लोग बाते करते हैं .
लूटा कर दौलते दिल - हौसले कम ना हुए
किसी को देखकर कहते हैं - यार हम ना हुए .
जो सीधे सादे - अपने दिल की बात कहतें हैं
कभी जूते खाते हैं - अक्सर फायदे में रहते हैं .
मंगते सारे मर गए - मिला नहीं स्वराज
अब तक ना देखा कहीं - ऐसा सूअर राज .
आशा मन की बावरी - पवन उडी ले संग
अनशन धरने बंद से मोह हुआ अब भंग .
कैसे फिर वो आएगा - भेजो मिलकर पत्र
पता नहीं उसका कोई - बसे यत्र सर्वत्र .
दो कोडी का मन नहीं - चाहे लाख करोड़
ऐसे मुंजी जीव से आशा दो तुम छोड़ .
उड़ा उड़ा सा मन फिरे - मिले ना कोई थाँव
चलना अपने बस नहीं - काले कोसों गाँव .
जाने ना कुछ रीत मन - माने ना कोई मन्त्र
शुद्रअणु सम जीव हूँ - ना कोई साधू संत .
जनुन -ए - इन्कलाब है दिल में
अपने घर से बाहर तो निकल
हिम्मत भी आ जायेगी - यार
मेरे साथ जरा थोड़ी दूर तो चल .
भूल जा - प्यारे ये तेरे रोज़
रोने गाने - चीखने चिल्लाने
हर बात पर खीजने झल्लाने से
ना कुछ हुआ है - ना कभी होगा .
शान से जीना - गर नसीब नहीं
शान से मर तो सकता है यार .
गिडगिडाने का असर क्या होना
शेर सा चिंघाड़ तो सकता है यार .
यहाँ कोई करे - तो कोई भरे .
अब कोई करे भी तो क्या करे
'शेर' को भी चुना - तो भी
हरामखोर - मींगनी ही करे .
हौसले यूँही नहीं मिला करते
फटे जिगर नहीं सिला करते .
शेर सा जंगल में अगर रहना है
बकरियों से नहीं गिला करते .
मरना चाहो तो अभी मर जाओ .
जीने के यूँ तो सेंकडों बहाने हैं .
एक बार आ गये दुनिया में -
यार कौन सा बार बार आने हैं .
आज भला तो कल भला - बीता 'काल' बिसार
'अब' जीते जग जीत है - 'कल' जीते सब हार .
हृदय प्रेम का गेह है - बाढ़न दो परिवार .
बसने आयें रामजी - दिलसे करो पुकार .
पीर बड़ी अति प्रेम की - मिले सुमंगल होय
मीरा कान्हा का मिलन - फफक फफक के रोय .
सब जग सूना सा लगे - तन-मन करे ना काम .
या तो मृगनयनी सखी - या हृदय बसे श्री राम .
तेरी मजबूर निगाहें कुछ पूछने नहीं देती .
वक्त के संग कदम मिला के चल -यार
नाटके -ऐ-जिन्दगी में रि-टेक नहीं होते .
कहते हैं परछाइयों के चहरे नहीं होते
दाग कितने लगें - पर गहरे नहीं होते .
आके मस्जिद में रहे तो खुदा है यार
मंदिर में रहे तो क्या खुदा ना हुआ .
सच मैं हिन्दू हूँ मुसलमान भी हूँ
रामायण हूँ राम की कुरान भी हूँ .
आरती हूँ - सुबह की अज़ान भी हूँ
फ़क्त आदमी नहीं - इंसान भी हूँ .
जो तेरा है वही तो मेरा है - यार
बाकी ये धर्म तो बखेड़ा है यार .
फ़क्त इंसान बने रहने से होता क्या है
फरिश्तों से होड़ ले तो कोई बात बने .
हरेक पल का पूरा मज़ा ले प्यारे
ना जाने कौन सा हो आखिरी पल .
मंजिल ही नहीं होती सब कुछ यार
राह के नजारों को भी देखता चल .
हुकूमत का हाल देख - वापिस आ गए
संसदीय मकान से अपना घर अच्छा है .
इश्क प्यार ने हमें - कुछ इस कदर ठगा
बना जब पंचनामा - हाथ कुछ नहीं लगा .
आंधी की तरह आये - तूफां से निकल गए
पत्ते टहनी क्या - वृक्ष जड़ समेत हिल गए
या खुदा वो ही क्यों - हम क्यों ना हुए
महूब्ब्त में अक्सर लोग बाते करते हैं .
लूटा कर दौलते दिल - हौसले कम ना हुए
किसी को देखकर कहते हैं - यार हम ना हुए .
जो सीधे सादे - अपने दिल की बात कहतें हैं
कभी जूते खाते हैं - अक्सर फायदे में रहते हैं .
मंगते सारे मर गए - मिला नहीं स्वराज
अब तक ना देखा कहीं - ऐसा सूअर राज .
आशा मन की बावरी - पवन उडी ले संग
अनशन धरने बंद से मोह हुआ अब भंग .
कैसे फिर वो आएगा - भेजो मिलकर पत्र
पता नहीं उसका कोई - बसे यत्र सर्वत्र .
दो कोडी का मन नहीं - चाहे लाख करोड़
ऐसे मुंजी जीव से आशा दो तुम छोड़ .
उड़ा उड़ा सा मन फिरे - मिले ना कोई थाँव
चलना अपने बस नहीं - काले कोसों गाँव .
जाने ना कुछ रीत मन - माने ना कोई मन्त्र
शुद्रअणु सम जीव हूँ - ना कोई साधू संत .
जनुन -ए - इन्कलाब है दिल में
अपने घर से बाहर तो निकल
हिम्मत भी आ जायेगी - यार
मेरे साथ जरा थोड़ी दूर तो चल .
भूल जा - प्यारे ये तेरे रोज़
रोने गाने - चीखने चिल्लाने
हर बात पर खीजने झल्लाने से
ना कुछ हुआ है - ना कभी होगा .
शान से जीना - गर नसीब नहीं
शान से मर तो सकता है यार .
गिडगिडाने का असर क्या होना
शेर सा चिंघाड़ तो सकता है यार .
यहाँ कोई करे - तो कोई भरे .
अब कोई करे भी तो क्या करे
'शेर' को भी चुना - तो भी
हरामखोर - मींगनी ही करे .
हौसले यूँही नहीं मिला करते
फटे जिगर नहीं सिला करते .
शेर सा जंगल में अगर रहना है
बकरियों से नहीं गिला करते .
मरना चाहो तो अभी मर जाओ .
जीने के यूँ तो सेंकडों बहाने हैं .
एक बार आ गये दुनिया में -
यार कौन सा बार बार आने हैं .
आज भला तो कल भला - बीता 'काल' बिसार
'अब' जीते जग जीत है - 'कल' जीते सब हार .
हृदय प्रेम का गेह है - बाढ़न दो परिवार .
बसने आयें रामजी - दिलसे करो पुकार .
पीर बड़ी अति प्रेम की - मिले सुमंगल होय
मीरा कान्हा का मिलन - फफक फफक के रोय .
सब जग सूना सा लगे - तन-मन करे ना काम .
या तो मृगनयनी सखी - या हृदय बसे श्री राम .
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