स्वहित के अलावा
मुझसे परहित -
राष्ट्रहित जैसी
बचकानी बात -
मत कर .
अभी धंदे का टाइम है
कहीं दूर जाके मर .
दौलत - की गंगा
तेरे पड़ोस में ही तो -
बह रही है - कौन देख रहा है
मुझसे परहित -
राष्ट्रहित जैसी
बचकानी बात -
मत कर .
अभी धंदे का टाइम है
कहीं दूर जाके मर .
दौलत - की गंगा
तेरे पड़ोस में ही तो -
बह रही है - कौन देख रहा है
तू भी उफनती - बहती
गंगाजी में डूबकी लगा -
ले ले - हिन्दुस्तानी होने
का फुल फुल मजा .
गंगाजी में डूबकी लगा -
ले ले - हिन्दुस्तानी होने
का फुल फुल मजा .
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