Popular Posts
जिन्दगी पाँख तो है
जिन्दगी पाँख तो है पर परवाज़ नहीं होती . उडती है चील सी - पर सुर्ख्वाब नहीं होती . हर पाठ जिन्दगी का यूँ पढ़ते तो हैं सभी सच मान ...
तू कहाँ है जिन्दगी .
यहाँ वहां - नभ में उठता धुवां धुवाँ - है जिन्दगी . जहाँ मेरी कल्पना - नहीं जाती - सच मान वहां वहां है - जिन्दगी . प्रेमसागर...
स्याही भी पैसों की आती है
स्याही भी पैसों की आती है या फिर ये चेहरा अनमोल है -आखिर अवाम की भावना का भी तो कोई मोल है. या इम्पोर्टेड को देसी बनाने का आयुर्वेदिक न...
Wednesday, September 5, 2012
आओ चोरी करें
आओ चोरी करें -
देश को काट काट कर
हम -सब
बर्थडे केक की तरह खाएं .
चलो स्वतंत्रता कुछ
इस तरह मनाएं .
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment