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Wednesday, September 5, 2012

हम सब चोर हैं .

मेरे नेताओं के कुकर्मों का 
ये स्वर्णिम दौर है .
देस नायक - चोरों का 
सिरमौर है - तो 
फिर मान ले हम सब चोर हैं . 
मैं हूँ - मेरे मौसेरे भाई - 
और भी ना जाने -
कितने - कितने और हैं .

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