मेरे नेताओं के कुकर्मों का
ये स्वर्णिम दौर है .
देस नायक - चोरों का
सिरमौर है - तो
फिर मान ले हम सब चोर हैं .
मैं हूँ - मेरे मौसेरे भाई -
और भी ना जाने -
कितने - कितने और हैं .
ये स्वर्णिम दौर है .
देस नायक - चोरों का
सिरमौर है - तो
फिर मान ले हम सब चोर हैं .
मैं हूँ - मेरे मौसेरे भाई -
और भी ना जाने -
कितने - कितने और हैं .
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