Popular Posts

Saturday, June 16, 2012

हम कितने आशावादी हैं

हम कितने आशावादी हैं 
जुगनू भी चमकता है
तू सूरज की तरह उसे 
अधर्य देने लगते हैं -और 
देवता की तरह मनौती मनाते हैं 

अंकुर फूटते ही - 
उसपर रंगीन धागे लपेटते 
चन्दन टीके लगाते हैं .
सामान्य सी खरपतवार को
देवता मानते - बताते हैं .

किसी बाबा- अन्ना
को हमारे जज्बात
किस तरह - जमीन
से उठाकर - सत्ता के
गलियारे तक पहुंचाते हैं

ये वो कहानी है - जो हम
अनगिनत बार -दोहराते हैं .
हम हिन्दुस्तानियों के
मिजाज - जमाने के कुछ
समझ में नहीं आते हैं .

इस देश में - जन क्रांति
एक - कपोल कल्पना है
बच्चे की आँख का देखा
धुन्दला सा सपना है .

No comments:

Post a Comment