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Thursday, May 26, 2011

ऊँचाइयों पर पहुँच - इंसान

ऊँचाइयों पर पहुँच - इंसान
एकदम अकेला रह जाता है -अपनों
से बहूत दूर -जहाँ दुःख -सुख
खुद ही सहना पड़ता है -जब
अकेले रहना पड़ता है .

पर वह अकेला नहीं होता - संग
में होते हैं -उसकी आँखों में
असंख्य रंग-बिरंगे सपने .
उन्ही में -जागना सोना पड़ता है -
सपनों के लिए - सपनो का
होना पड़ता है .

 


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