पूरी रोटी एक ही ग्रास में - और पूरी कविता - एक ही सांस में - मत कह -जल्दी क्या है टुकड़े करके - धीरे धीरे खा . रुक रुक -ठहर ठहर कर - ...
Thursday, June 6, 2013
"आमआदमी" कौन है जी
ओजी तुस्सी कांग्रेस नू जाणदे हो हांजी हांजी ....!! बीजेपी नू .... आहो जी ..... माया 'दी' ममता ते मुलैम नु पिछाणदे हो जी हन्जी हन्जी ...मलूम है जी ते फिर ऐ भूतनी दा "आमआदमी" कौन है जी ...?
No comments:
Post a Comment