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Wednesday, June 5, 2013

बूंटा बूंटा देखा

बूंटा बूंटा  देखा -
पत्ता पत्ता छाना 
कोई गुल नहीं खिला
सभी ने ऐसा माना .

पूंछा पूर्व ने पश्चिम -
उत्तर ने दक्षिण से .
निकला सूरज नहीं 
अभी तो यार कसम से . 

खोदी धरा तमाम 
की अम्बर पूरा छाना 
नहीं मिला वो वैरी 
हो जिसका देश दीवाना . 

अब ये महाभारत -
बिन अर्जुन के होगी 
नहीं सारथि कृष्ण 
तबाही जम के होगी .

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