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चोट लगती है फूल से भी यार
चोट लगती है फूल से भी यार फूल पत्थर की तरह फैंको मत सुर नहीं साज नहीं आवाज़ नहीं अब यूँ गधों की तरह रेंकों मत . जिनावर ...
तेरे इनकार में दम है .
किसीकी जात में दम है - किसीकी पांत में दम है. किसीकी दौलते चलती किसीके हाथ में दम है . ना तेरे प्यार में दम है ना मेरे प्यार में...
(no title)
आँधियों के दौर हर मंज़र उदास है - बचने की भला अब किसको आस है अंजाम से डरे हुए कुछ लोग तो मिले अंजाम बदल दें मुझे उसकी तलाश है .
Thursday, June 20, 2013
तेरे द्वार आने को
(श्री केदारेश्वर से क्षमा याचना सहित)
तेरे द्वार आने को
दर्शन पाने को .
अपना घर छोड़ा -
बार छोड़ा - तुझसे
मिलन की आस में
सारा संसार छोड़ा .
तूने पीछा अपना -
छुड़ा
लिया सस्ते में
खुद मिला नहीं
मौत को -
भेज दिया रस्ते में .
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