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Saturday, June 22, 2013

यूँ तो जिद्दी बहूत हूँ

यूँ तो जिद्दी बहूत हूँ
कैसे मिलो ना नाथ 
द्वार तुम्हारे आ गया 
बांधे दोनों हाथ .

मेरा इसमें कुछ नहीं 
तेरा हित भी होए .
बिन सेवक के सोच तो 
स्वामी भया ना कोए .

तेरी मेरी प्रीत तो
नर नारायण साथ
जिक्र करेंगे लोग सब
तेरा मेरे साथ .

प्रभु की कृपा अपार है
ना कोई उसका पार
जितना चाहे मांगले
भक्ति में सब सार .

कितनी अच्छी बात है
अगर कभी ये होए
मैं नर रह जाऊं भले
पर तू नारायण सोहे




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