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Tuesday, June 11, 2013

जनतर तंतर खाली क्या

जंतर तंतर खाली क्या -
दादा और मवाली क्या .
जलसे में अब भीड़ नहीं -
कविता क्या कव्वाली क्या .


अपनी 'होली' होली जी -
उनकी गयी दिवाली क्या .

दोनों बाजू घायल हैं -

बजे हाथ से ताली क्या .



देसी रोटी कहीं नहीं -

दूध मलाई खाली क्या .

देसी पौधे सूख गए -

परदेसी है माली क्या .

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