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Friday, April 29, 2011

चल चलें - सागर किनारे

तूफानों को झेलना है -
या लहरों से खेलना है तो -
फिर झील क्या नदी क्या  -
चल चलें - सागर किनारे .

डूबने को तैयार बैठे हैं इरादे 
बाट देखें क्यों किसी की आज सारे
खड़ें हैं तूफ़ान जब बाहें पसारे.
सोचता है क्या उठ खड़ा हो -
चल चलें -सागर किनारे .

नाव चाहे डूब जाए - फ़िक्र कैसी .
निकल कर घर से -
किनारे आ गए जब .
आज इस तूफ़ान की ऐसी की तैसी .

आज लहरों से भला - तकरार कैसी
डूब जाना जिन्दगी में -
जिन्दगी है .
डूबने वालों की भला- फिर हार कैसी .

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