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Thursday, June 23, 2011

हमे नारे लगाने में मजा आता है

हमे नारे लगाने में मजा आता है
आगे रहना हमे जरा नहीं भाता है .

गोली डंडा - कौन खाए -
आज की दिहाड़ी कौन गवाए .
हिम्मत हो तो दुश्मन    -
जरा फेसबुक पर तो आये  - फिर
देखना हम उसकी धज्जियां कैसे उडाये  .

जन्तर मंतर  -या रामलीला  मैदान 
ऊफ्फ आज कितनी गर्मी है श्रीमान .
हम तो ऐ .सी कूलर के बिना मर लेंगे .
भर्तसना गालियाँ ही तो देनी हैं -उसके

लिए "फेसबुक" है ना भाईजान   .

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